प्रजासत्ता|
मानव भारती विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री घोटाले के संबंध में सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा की शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सचिव शिक्षा मंत्रालय शास्त्री भवन नई दिल्ली की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इस मामले में कार्रवाई के निर्देश प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दिए गए हैं।
बता दें कि इस बारे में विधायक राजेंद्र राणा को भी भारत सरकार के कार्मिक व लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय की ओर से पत्र संख्या 353/6/2021-एबीपी के माध्यम से मानव भारती विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्री घोटाले पर कार्रवाई के निर्देश की सूचना भेजी गई है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा मानव भारती विश्वविद्यालय में डिग्री फर्जीवाड़े को लेकर बीजेपी को विधानसभा के अंदर व बाहर घेरते आ रहे| उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि शर्तें पूरी न होने के बावजूद मानव भारती विश्वविद्यालय को मंजूरी देने के पीछे कौन हैं। क्योंकि जब तक इसकी जांच नहीं होती है तो असली गुनाहगार को शिकंजे में लेना मुश्किल होगा।
राणा के आरोपों के मुताबिक फर्जी डिग्री कांड में 20 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ है, जिसमें छह लाख के करीब फर्जी डिग्रियां बेची गई हैं। राणा इस मामले की जांच सीबीआइ से करवाने के लिए लगातार दबाव सरकार पर बनाते रहे हैं। राणा का यह भी आरोप है कि यह घोटाला सत्ता संरक्षण में हुआ है, जिसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर तत्कालीन भाजपा सरकार की रही है।
राणा का कहना है कि उक्त फर्जी डिग्री कांड ने हिमाचल प्रदेश की साख को देश और दुनिया में दागदार किया है लेकिन सरकार इस मामले से अभी भी बचना चाह रही है। राणा ने फिर सवाल खड़ा किया है कि जब इस फर्जी डिग्री कांड के मुख्य सरगना का रिकॉर्ड ही अपराधिक था तो तत्कालीन सरकार ने किस कारण वह कौन सी मजबूरी में इस यूनिवर्सिटी को चलाने की मंजूरी दी। असल गुनाहगार तो वह लोग हैं, जिन्होंने सत्ता का दुरूपयोग करते हुए शर्तें न पूरी करने के बावजूद इस यूनिवर्सिटी को चलाने व बनाने की परमीशन दी है।