कसौली|
पर्यटन नगरी कसौली के माल रोड पर स्थित ऐतिहासिक व पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र क्राइस्ट चर्च आज 177 वर्ष का हो चुका है। कसौली की वादियों में खूबसूरत इमारत क्राइस्ट चर्च 26 अक्टूबर 1844 से 1853 में 18,300 रुपये की राशि से बना था। कसौली में यह चर्च उस समय में ब्रिटिश शासनकाल का सबसे बेहतरीन चर्च था।
नीले पक्के पत्थरों को कलाकारी करके तराशकर और लकड़ी के बेजोड़ नमूने से तैयार किया गया था। चर्च को देखने वाला हर कोई शख्स आज भी दंग रह जाता है और उसको बनाने वाले हाथों की तारीफ किए बिना नहीं रहता। चर्च में लगी प्रभु ईशु मसीह की स्टेनग्लास की पेंटिंग उस समय इंग्लैंड से लाई थी। चर्च में लगा फर्नीचर भी उसी समय का है, जो आज भी मजबूत स्थिति में है।
क्राइस्ट चर्च कसौली में हुई 1857 की क्राति का भी गवाह रहा है, जिस समय कसौली की नसीरी बटालियन ने अंग्रेजों पर हमला करके कसौली ट्रेजरी को लुटा था तो उसमें से 26 हजार की राशि चर्च के आंगन में किसी पेड़ के नीचे दबा दी थी, जो आज भी इतिहास है।
क्राइस्ट चर्च में टावर में लगी पेंडुलम घड़ी इंग्लैंड के मैनचेस्टर से लाई गई थी और जिसको उस समय 2612 रुपये व ग्यारह आन्ना में खरीदा गया था। टावर में लगी घड़ी से दूर से भी लोग समय का अंदाजा लगा सकते थे। चर्च के आंगन में सनवाच (सूर्य घड़ी) भी लगी है।
यह चर्च न केवल देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, बल्कि फिल्म, धारावाहिक, पंजाबी-हिंदी एलबम निर्माताओं का भी यह पसंदीदा लोकेशन बन चुका है। शाहरुख खान अभिनीत फिल्म माया मेमसाब सहित जॉन अब्राहम की मद्रास कैफे, गोलू का गोगल धारावाहिक सहित सैकड़ों हिंदी-पंजाबी एलबम व पंजाबी फिल्मों की शूटिंग यहां हो चुकी है।