शिमला।
जेसीसी की बैठक एजेंडा के सभी बिंदुओं पर बात हुई, जिस मामलों में सीधा फैसला हुआ, उन पर सीएम ने ऐलान कर दिया। लेकिन बीते कल हुई जेसीसी बैठक में पुलिस के साथ एक बार फिर पराया व्यवहार किया गया। जहाँ बैठक में हुए निर्णय के बाद सभी विभागों का अनुबंध कार्यकाल 3 वर्ष से घटा कर 2 वर्ष किया गया वहीं पुलिस का 8 वर्ष ही रखा गया। आखिर प्रदेश के इन रक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों?
सरकार के इस फैसले के कारण पुलिस जवान व उनके परिवार काफ़ी नाराज है जब सभी विभागों को सौगातें दी गयी तो पुलिस को क्यों अनदेखा किया गया पुलिस जवानों को भी सरकार से आशाएं होती है।
बता दें कि कोविड के समय यही जवान सड़कों पर खडे थे। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में पुलिस को ही सबसे पहले याद किया जाता है, फिर सरकार क्यों इनको भूल जाती है। क्या इनके परिवार नहीं है।
इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस विभाग में तैनात कई जवानों ने बताया कि पुलिस की नौकरी अन्य विभागों की तरह नहीं होती यह 24 घंटे अपनी ड्यूटी पर होते है। अतः इस अनदेखी से नाराज पुलिस कर्मी अपनी मैस बंद कर रहे है। ताकि सरकार पुलिस विभाग का प्रोबेशन पीरियड 8 साल से 2 साल करे,और फिर भी सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो पुलिस वालों के परिवार सड़को पर उतर जायेंगे और यह हिमाचल प्रदेश में पहली बार होगा। उनका कहना है कि हिमाचल पुलिस सबके हितों की रक्षा करती है लेकिन इनकी तरफ किसी का कोई ध्यान नहीं।
बता दें कि इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश के हजारों पुलिस कांस्टेबलों को आठ साल की नियमित सेवा के बाद मिलने वाले संशोधित वेतनमान के दो साल बाद मिलने की जुड़ी आस भी इससे पहले टूट गई थी। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार की दलीलों और नियमों एवं कानून के मद्देनजर पुलिस कर्मियों की याचिका खारिज कर दी।