प्रजासत्ता|
जमीनी स्तर से खेल प्रतिभाएं तलाशने और पूर्व चैम्पियन खिलाड़ियों की आय का सोर्स निश्चित करने के उद्देश्य से भारतीय खेल प्राधिकरण खेलो इंडिया सेंटर खोल कर खिलाडियों को प्रोत्साहित करने का कम कर रही है। इसी के तहत हिमाचल प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय ने सभी 12 जिलों में खेलो इंडिया सेंटर बनाने को मंजूरी दी है।
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि हर जिला में पांच-पांच लाख रुपये खर्च कर खेलो इंडिया सेंटर के तहत जिलों में सिंथेटिक ट्रैक, स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, कोचिंग सेंटरों का निर्माण किया जाएगा।
बिलासपुर में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स लुहणू, चंबा में डीवाईएसएसओ मैदान, हमीरपुर में सिंथेटिक ट्रैक, धर्मशाला में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, काजा में स्टेट कोचिंग सेंटर, रिकांगपिओ में बाक्सिंग कोचिंग सेंटर, कुल्लू में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स ढालपुर मैदान, मंडी में स्टेट कोचिंग सेंटर, शिमला के रोहड़ू में इंडोर/आउटडोर स्टेडियम, नाहन में स्टेट कोचिंग सेंटर, सोलन में स्टेट कोचिंग सेंटर और ऊना के इंदिरा स्टेडियम पर यह धनराशि खर्च की जाएगी।
बता दें कि भारत में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, युवा और खेल मंत्रालय ने देश भर में 1,000 खेलो इंडिया केंद्रों की स्थापना करने कि योजना तैयार की हैं। ताकि देश में खेलों को बढ़ावा देने में मदद मिल सके। इनमें खेलो इंडिया योजना, राष्ट्रीय खेल संघों को सहायता (Assistance to National Sports Federations), अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में विजेताओं और उनके कोच को विशेष पुरस्कार, राष्ट्रीय खेल पुरस्कार, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय खेल कल्याण कोष, राष्ट्रीय खेल विकास कोष और रनिंग स्पोर्ट्स ट्रेनिंग शामिल हैं। इन योजनाओं से देश में ग्रामीण, पिछड़े, आदिवासी और महिला आबादी से संबंधित खिलाड़ियों को मदद मिलेगी ताकि उन्हें आवासीय और गैर-आवासीय आधार पर नियमित रूप से प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके