शिमला|
हिमाचल प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को मंत्रिमंडल ने स्वर्ण जयंती नई खेल नीति-2021 को लागू करने को मंजूरी दी है। नई खेल नीति में उभरती खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए कई योजनाओं और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को सम्मान दिलाने सहित प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडिय़ों पर धनवर्षा होगी। अब इस नीति के तहत प्रदेश के खिलाड़ियों के अच्छे दिन आएंगे और सरकारी नौकरियों में आरक्षण बढ़ाकर तीन फीसदी होगा। साथ ही डाइट मनी दोगुनी और पुरस्कार राशि में भी बढ़ोतरी की जाएगी।
नई खेल नीति से प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल संबंधित आधारभूत ढांचे को विकसित किया जाएगा, वहीं खेलों में चल रही राजनीति भी खत्म होगी। नई खेल नीति में प्रतिभा को निखारने के लिए ग्रास रूट स्तर के मुकाबलों का आयोजन होगा। मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन करने वालों की जानकारी शिक्षा व खेल विभाग द्वारा उनकी ग्रूमिंग साझा करनी होगी ताकि उन खिलाडिय़ों को बेहतर प्लेटफॉर्म मिल सके। साथ ही ऐसे खिलाडिय़ों का डाटा भी तैयार करना होगा। खेल नीति में विंटर, एडवेंचर व वाटर स्पोट्र्स के ढांचे को मजबूत किया जाएगा ताकि ऐसे क्षेत्रों में खेलों के साथ-साथ टूरिज्म को भी बढ़ावा मिल सके।
नई नीति के अनुसार, यदि कोई खिलाड़ी ओलंपिक, शीत ओलंपिक, पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतेगा तो उसे तीन करोड़ रुपये, सिल्वर मेडल पर दो करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को एक करोड़ रुपये मिलेंगे। खिलाड़ी के घायल होने पर एक लाख का बीमा कवर दिया जाएगा। 20 साल बाद नई खेल नीति लागू होगी और राजनेताओं को खेल संघों से बाहर रखा गया है। खिलाड़ियों को पदाधिकारी संघों का मुखिया बनाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, नई खेल नीति को सरकारी और निजी क्षेत्र की भागेदारी से आगे बढ़ाया जाएगा और एक खेल के लिए एक ही संघ बनेगा। इससे पहले, दो बार नई खेल नीति पर कैबिनेट की बैठक से मंजूरी नहीं मिल पाई थी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने नई खेल नीति में कुछ संशोधन के सुझाव दिए थे।