प्रजासत्ता|
एशिया में 45 फीसदी दवा उत्पादन करने वाले हिमाचल प्रदेश के उद्योगों की दवाइयां केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन के मानकों पर खरा नहीं उतर रही हैं। ताजा ड्रग अलर्ट के अनुसार केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से देशभर से लिए जीवनरक्षक दवाओं के 33 सैंपल फेल हुए हैं। इनमें छह दवाओं का उत्पादन हिमाचल की फार्मा कंपनियां कर रही हैं। बता दें कि सीडीएससीओ ने देशभर से 1385 दवाओं के सैंपल जांच के लिए भरे थे, जिसमें से 33 सैंपल की रिपोर्ट फेल आई है।
प्रदेश के दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह का कहना है कि फार्मा कंपनियों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
प्राप्त जानकारी अनुसार वैल्क्यूर रेमेडिज उद्योग नाहन की सेफपोडोक्सिम टैबलेट 200 एमजी व सन फार्मास्यूटिक्ल हरोली की दर्द निवारक दवा डिक्लोफेनाक का सैंपल भी फेल पाया गया है। एएनजी लाइफ साइंस उद्योग बद्दी की दवा पैंटाप्रोजोलीक का सैंपल फेल हुआ है। इस दवा का इस्तेमाल पेट गैस को ठीक करने के लिए किया जाता है। नालागढ़ की थीयोन फार्मा की शरीर में सूजन कम करने के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा ट्रिप्सिन व लैबोरेट फार्मास्यूटिक्ल पावंटा साहिब के डायेजापाम इंजेक्शन का सैंपल भी फेल पाया गया है। सैलिब्रिटी बायोफार्मा बरोटीवाला की एंटीबायोटिक दवा सिप्रोफ्लोक्सासिन टैबलेट का सैंपल भी फेल पाया गया है।