कुनिहार।
शिव तांडव गुफा कुनिहार के मंदिर प्रांगण में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर आयोजित हो रही ग्यारह दिवसीय ज्ञनमयी एवं पावक महाशिवपुराण कथा के नवम दिवस पर कथावाचक पंडित टेकचंद शर्मा ने अपने मुखारविंद से इस पावन कथा का रसास्वादन, अर्थानुभूति एवं आनंदानुभूति कराते हुए उपस्थित सभी शिव भक्तों को भगवान शिव शंकर महिमा का गुणगान को बहुत ही मनमोहक एवं भावपूर्ण तरीके से सुनाया l कथावाचक ने व्यासगद्दी से प्रवचनों की बौछार और रसास्वादन कराते हुए कहा भगवान शिव अपने भक्तों के कल्याण के लिए सदैव चिंतित एवं तत्पर रहते हैं l
उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि व्यक्ति को समस्त कार्य ईश्वर को प्रसन्नता के लिए करने चाहिए l व्यक्ति को परोपकार, उदारता एवं त्याग जैसे गुणों के अनुकूल आचरण करने का अभ्यास करना चाहिए परंतु इन गुणों का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए l परमार्थ के जो भी कार्य हम करते हैं, वह हमें ईश्वर को समर्पित कर देनी चाहिए l सभी कार्य ईश्वर की प्रसन्नता के लिए किए जाने चाहिए l यही सच्ची भक्ति है l ईश्वर के प्रति समर्पण भाव ही सच्ची भक्ति की मुख्य विशेषता है l
अहंकार व्यक्ति के लिए हितकारी होता है l आज का मनुष्य भी हिंसक जानवरों की तरह घूम रहा है l कलयुग में मनुष्य जंगली बनता जा रहा है l करुणा और प्रेम लुप्त हो रहे हैं दिखावटी आडंबरतापूर्ण जीवन आज का तौर तरीका हो गया है l सच्चे प्रेम की अभिव्यक्ति पूर्णरूपेण अनुपस्थित है l भगवान शिव की महिमा असीमित एवं अपरंपार है l इस महाशिवपुराण कथा के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए शिव तांडव विकास समिति के प्रधान राम रतन तंवर ने बताया इस17 फरवरी को पूर्णाहुति के साथ यह महाशिवपुराण कथा पूर्ण होगी l इस कथा के दौरान सुबह सात बजे मूल पाठ प्रतिदिन एवं दोपहर एक से चार बजे तक प्रतिदिन कथा का आयोजन एवं उसके उपरांत सभी को नारायण सेवा के रूप में भंडारे का आयोजन किया जा रहा है l
शिव तांडव गुफा प्रांगण में 18 फरवरी शनिवार को महाशिवरात्रि का पावन पर्व भी बहुत ही हर्षोल्लास एवं उमंग के साथ मनाया जाएगा एवं 19 तारीख रविवार को भक्तजन सभी भक्तजनों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन होगा