सुभाष कुमार गौतम/घुमारवीं/बिलासपुर
बिलासपुर जिला की नेहा मानव सेवा सोसायटी ने गूगल बॉय दीपांशु की पढ़ाई का जिम्मा उठाने का निर्णय लिया है| बता दें कि कुछ दिन पूर्व गूगल बॉय के नाम से दीपांशु का वीडियो हुआ था जिसके वायरल होने के बाद नेहा मानव सेवा सोसायटी के संस्थापक पवन बरूर दीपांशु के लिए फरीसता बने है|
बता दें कि बिलासपुर जिला के भगेड में एक प्रवासी परिवार है जिनके तीन बच्चे हैं| दीपांशु सबसे छोटा है जिसकी उम्र करीब 6 साल है| यहां एक स्वयं सेवी सुनील कुमार यहां पर रह रहे हैं और प्रवासी परिवारों के बच्चों को थोड़ा बहुत पढ़ाते हैं इसके अलावा योगा व गौबंस की सेवा करना भी सिखातें हैं|
इन्ही प्रवासी परिवारों में से एक परिवार का सबसे छोटा बेटा दिपांशु स्कूल तो नहीं गया लेकिन गूगल बॉय के नाम से मशहूर हो गया| क्योंकि दीपांशु लगभग 150 से ज्यादा सवालों के जवाब देने में सक्षम है जो बड़े बड़े ज्ञानियों व प्रबुद्ध लोगों के लिए भी मुश्किल है |बच्चा छोटा है लेकिन गुण बहुत है| वीडियो वायरल हुआ तो बहुत लोग मिलने पहुंचे लेकिन किसी ने मदद व पढ़ाने की हिम्मत नहीं की|
लेकिन कहते हैं फरिसते भी यहीं पर है लोगों का दुख दर्द समझने वाले नेहा मानव सेवा सोसायटी के संस्थापक पंवन बरूर ने इस गूगल ब्वॉय के नाम से जाने जाने वाले दीपांशु को पढ़ाने का जिम्मा उठाया है और अब गूगल बॉय दीपांशु स्कूल जाएगा और अन्य बच्चों के साथ पढेगा अब बच्चे के के माता-पिता व सूनील कुमार खुश हैं कि अब दीपांशु अपनी पढ़ाई कर सकेगा|