सुभाष गौतम| घुमारवीं
हिमाचल प्रदेश में चुनाव का विगुल बज चुका है और पार्टी उम्मीदवार अपने क्षेत्र में डट गए हैं। आपको बताते चलें कि घुमारवीं से कांग्रेस के पूर्व विधायक व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव पूरे प्रदेश व केंद्र में जाना माना नाम है। फील्ड में 44 पंचायतों में डोर टू डोर जाना एक बहुत बड़ा काम है और यहीं कारण है कि मुकाबला कांग्रेस के पक्ष में आने के अधिक चांस है।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की करनी और कथनी में दिन रात का अंतर है और घुमारवीं में मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने अनुकूल परिस्थितियां होते हुए भी वो विकास नहीं करवाया जिसकी लोगों को उम्मीद थी। हां सिर्फ अपना और कुछ ठेकेदारों का विकास करवाया और कुछ काम ऐसे कर दिए जिनको कोर्ट भी आज्ञा नहीं देता है। पहली बार जीते मंत्री बने उनके पास अनुकूल परिस्थितियां थीं वो चाहते तो घुमारवीं को स्वर्ग बना देते केंद्र से बड़ा प्रोजेक्ट घुमारवीं आ सकता था क्योंकि बिलासपुर से राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा एमपी भी है और अनुराग ठाकुर केंद्र में मंत्री हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ मात्र ठेकेदार और उनकी पत्नियों को टैंडर दिया गया और काम ना के बराबर हुआ इतना ही नहीं अपनी पत्नी की प्रमोशन के लिए कानून में बदलाव किया बाद में फाईल बंद कर दी गई।
परिवारबाद पर राजेश धर्माणी कहते हैं कि क्या भाजपा में परिवार बाद नज़र नहीं आ रहा है धूमल को दूध में पड़ी मक्खी की तरह बाहर फेंक दिया गया। क्या भाजपा में गुटबाजी नहीं है। नरेंद्र बरागटा, माया देवी, महेंद्र सिंह के सुपुत्र परिवारबाद नहीं है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस एक जुट है और सरकार बनायेगी। भाजपा को इस गलत फैमी में नहीं रहना चाहिए क्योंकि हिमाचल प्रदेश की जनता का विश्वास भाजपा पर से उठ चुका है।