सुभाष कुमार गौतम /घुमारवीं
बेटा भाग्य से और बेटी सौभाग्य से मिलती है। कुदरत की नियामत बेटियां जिस घर-परिवार में होती हैं, उस पर परिवार पर खुदा की रहमत बरसती है। कहा जाता है घर में बेटी का जन्म होने के बाद पूर्वज एवं महिलाएं उदास हो जाती है। लेकिन बिलासपुर जिला की भराड़ी उप तहसील के अंतर्गत पड़ने वाले गांव वोणी ढलयाणी के रहने वाले नवीन और बनीता कुमारी को बेटियों पर गर्व है|
दरअसल कोरोना महामारी के इस दौर में बीते दिनों नवीन और बनीता कुमारी दोनों कोरोना संक्रमित पाए गए|ऐसे में उन्हें अपनी 14 और 8 साल की बेटियों की चिंता सताने लगी|
कोरोना महामारी की इस आपदा में जब अपने भी मुंह फेर लेते हैं तब 14 वर्षीय प्रेरणा ने मोर्चा संभाल लिया। प्रेरणा ने कहा मम्मी पापा मैं आपका खयाल रखूंगी| उसी दिन से माता पिता के लिए खाना बनाना और बर्तन साफ करने और घर को सैनाटाईज करने और कोविड नियमों की पालना करने की जिम्मेदारी अपने कंंधो पर उठा ली। यही नहीं प्रेरणा ने अपनी छोटी बहन को भी कोई परेशानी नही होने दी।
बिलासपुर जिला की यह छोटी सी बच्ची हिमाचल प्रदेश की लाखों बच्चों के लिए वास्तव में प्रेरणा बन गई और आज जब प्रेरणा के मम्मी पापा दोनों स्वास्थ्य भी हो गये हैं। कहते हैं कि जिंदगी में मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर आगे बढ़ना ही सही मायने में जिंदगी जीना है। सच में प्रेरणा ने इस कहावत को चरितार्थ किया है। प्रेरणा के मम्मी पापा बताते हैं कि हमें अपनी बेटियों पर नाज है। सच में ऐसा ही होना भी चाहिए।