सुभाष कुमार गौतम/बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश सरकार के वन मंत्री को बिलासपुर सदर के कांग्रेस के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने जंगल के मामले को लेकर घेरा है। सोमवार को बिलासपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश के वन मंत्री पार्टी के चंदे के लिए हिमाचल प्रदेश के जंगलों को बेचने पर आतुर हैं। जिला बिलासपुर के ठेकेदारों को परमिट के लिए कांगड़ा बुलाया जाता है और एम्स बिलासपुर में कटे सैकड़ों पेड़ों की हजारों टन लकड़ी को बिना किसी बोली और परमिट के ही अपने लोगों को ठिकाने लगा दिया है। यह लकड़ी करोड़ों की कीमत की थी, जिसकी जांच होनी चाहिए।
बंबर ठाकुर ने आरोप लगाया कि जिला बिलासपुर के घुमारवीं के नौली, दखेतर और झंडूता के कलाेल व मलौट में भी अवैध रूप से पेड़ कटान किया जा रहा है और उस लकड़ी को ठिकाने लगाया जा रहा है। उनके पास कुछ वन रक्षकों ने सारे मामले की जानकारी दी है और कहा है कि बड़े स्तर पर अवैध रूप से पेड़ों का कटान किया जा रहा है। हरलोग की टांगू बीट पर भी सरेआम लकड़ी को बेचा गया है यहां जब बीओ गार्ड और डीएफओ से इस बारे मेंकोई एफआइआर दर्ज करवाने के बारे में पूछा तो वह साफ मुकर गए।
बंबर ठाकुर ने कहा कि ठेकेदारों और विभाग की मिलीभगत के चलते प्रदेश के जंगलों को सरेआम बेचा जा रहा है। बिलासपुर के ही एक ठेकेदार को करोड़ों रुपये की लकड़ी दी जा रही है और मुख्यमंत्री के कार्यालय में बैठे बिलासपुर के ही एक बड़े नेता के इशारे पर यह सारा कारोबार चलाया जा रहा है।
बंबर ठाकुर ने कहा कि वन महकमे में भ्रष्टाचार के अलावा सरकार द्वारा चलाए गए जायका प्रोजेक्ट में भी झोल किया जा रहा है।प्रोजेक्ट के तहत कई तरह के चैक डैम, सड़कें और डंगे बनाए जा रहे हैं जिनमें धांधली की जा रही है। सरकारी धन का दुरुपयोग ठेकेदारों के माध्यम से पार्टी के चंदे के लिए किया जा रहा है। वह सरकार को इन मामलों पर न्यायिक जांच बिठाने के लिए दो दिन का समय दे रहे हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह राज्यपाल को ज्ञापन देंगे और डीएफओ कार्यालय के बाहर धरना देंगे।