सुभाष कुमार गौतम/घुमारवीं
हिमाचल प्रदेश ठंडे व ऊपरी इलाकों में आपको तरह तरह के फल सब्जियां पेड़ पौधे मिल जाएंगे, लेकिन बिलासपुर हमीरपुर ऊना जैसे गर्म जिलों में इस तरह के नजारे आपको कभी कभार देखने को मिलते हैं। आमतौर पर सेब ठंडे इलाकों का फल है लेकिन इसका उत्पादन भी निचले गर्म इलाकों में होने लगा है लेकिन ये इतना कामयाब नही रहा है और उतनी बढीया वरायटी नहीं है इसलिए इसके उत्पादन में लोग ज्यादा रूचि नहीं ले रहें हैं कभी कभार यहां गुछी भी मिल जाती है।
लेकिन आज हम आपको बताएंगे देवदार के वृक्ष के बारे में। आपने अमूमन देखा होगा कि शिमला कुल्लू मनाली मंडी आदि स्थानों पर जाते हैं तो आपको देवदार के बड़े बड़े पेड़ दिखाई देंगे और जिनका नजारा देखते ही बनता है। सारा जंगल एक छाते के समान लगता है हमारे निचले जिलों में ज्यादातर चीड़ के पेड़ और खैर पाया जाता है। जिसकी किमत ना सरकार को ज्यादा मिलती है ना किसानों को। बिलासपुर जिला के घुमारवीं के गांव भदसीं और ललवान में प्रयोग के तौर पर देवदार के दो पौधे लगाए गए हैं और जो अच्छी खासे पेड़ बन गये है अगर यहां देवदार अच्छा चलता है तो सरकार व वन विभाग को इस प्रोजेक्ट पर काम करना चाहिए। ताकि किसानों की आर्थिक मजबूती हो। क्योंकि देवदार की लड़की की कीमत चीड़ वह ख़ैर की कीमत से कई गुना अधिक है जो सरकार और किसानों के लिए बहुत लाभदायक है