सुभाष गौतम | घुमारवीं
हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में बिलासपुर जिला का सदर विधानसभा क्षेत्र बेहद रोचक बनता जा रहा है। क्योंकि यह क्षेत्र भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का है यहां पर उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। बता दें कि बिलासपुर जिला में करीब करीब सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। कांग्रेस हो चाहे., भाजपा दोनों पार्टियों को बगावती तेवरों का सामना करना पड़ है।
जेपी नड्डा के गृह जिले में भी भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। यहां भाजपा ने त्रिलोक जम्वाल को टिकट दिया है। ऐसे में भाजपा ने यहां से मौजूदा विधायक सुभाष ठाकुर का भी टिकट काट दिया। वहीं, एक अन्य नेता सुभाष शर्मा ने भी बगावत कर दी है और उन्होंने नामांकन दाखिल करने का फैसला लिया है।
भाजपा के राज्य कार्यकारिण के सदस्य सुभाष शर्मा ने फेसबुक लाइव के जरिये अपनी भड़ास और दर्द जनता के सामने रखा। उन्होंने अपना बैंक खाते का नंबर भी शेयर किया और कहा कि वह चुनाव लड़ना चाहते हैं पर पैसे नहीं। इस पर 10 घंटे में ही उन्हें 4 लाख रुपये अधिक डोनेशन मिली है। सुभाष ने फेसबुक पर अपना गूगल पे और बैंक अकाउंट शेयर किया था।
बागी तेवर अपना हुए सुभाष शर्मा ने फेसबुक पर अपना दर्ज बयान किया और कहा कि उन्हों 22 साल इस पार्टी को दिए। अब पैराशूट प्रत्याशी उतारा गया है। बिलासपुर सदर से कोई ईमानदार और कर्मठ नेता है, उन्हें टिकट मिलना चाहिए था। सुभाष ने कहा कि उन्होंने जनता की सेवा के लिए बैंक से कर्जा भी लिया। उन्होंने कहा कि वह इस बार चुनाव जरूर लड़ेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें अपना घर भी बेचना पड़े। सुभाष ने कहा कि उन्होंने जिंदगी में कभी संगठन के अलावा काम नहीं किया है। हमें गुलामी नहीं करनी है। सदर में 35 लोगों की कार्यकारिणी बना दी, बाकी लोग ढोल बजाने और दरिया बिछाने के लिए रखे हैं। मैं इतनी आसानी से मानने वाला है।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में बिलासपुर से सुभाष ठाकुर विधायक हैं। लेकिन भाजपा ने उनका टिकट भी काट दिया. वह भी समर्थकों के साथ रोते हुए नजर आए और कहा कि उन्हें संगठन का फैसला सर्वोपरि है।