सुभाष कुमार गौतम/घुमारवीं
-बिलासपुर के अधिकतर लोग की कुल देवी है मां हरिदेवी, बिलासपुर की रानी ने मनोकामना पूरी होने के बाद बनवाया था माता के लिए मंदिर
बिलासपुर जिला के घुमारवीं उपमंडल के अंतर्गत पड़ने वाली पंचायत लैहडी सरेल में एक ऊंची पहाड़ी पर बसा माता हरिदेवी का मंदिर बारिश के मौसम के बाद कुछ इस कदर नज़र आता है कि देखने वाले इसको देखते ही रहें।
आपको बताते चलें कि यह मंदिर शिमला धर्मशाला राष्ट्रीय उच्च मार्ग 103 पर एक छोटे से शहर डंगार से सामने ऊंची पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर का नाम हरीदेवी है। इसके नीचे हरितलयांगर नाम का एक गांव बसा है। शायद इसी मंदिर के नाम पर इस गांव का नाम पड़ा है। यह माता बिलासपुर के अधिकतर लोगों की कुल देवी है। मई महीने में यहां विशाल व भव्य मेले का आयोजन किया जाता है।
पुजारियों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण बिलासपुर की रानी ने करवाया था। क्योंकि रानी के कोई संतान नहीं थी इसलिए रानी ने माता के दरबार में आकर यह वरदान मांगा था कि अगर उसे संतान सुख प्राप्त होता है तो वह माता के लिए मंदिर का का निर्माण करवायेगी। जब रानी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई तो रानी ने माता के लिए मंदिर का निर्माण करवाया।
कहते हैं माता की कृपा से रानी की गोद भर गई थी इसलिए इस माता का नाम हरिदेवी पड़ा। यह स्थान हमेशा से ही शोध कर्ताओं का स्थान रहा है। इस क्षेत्र में शोधकर्ताओं को जीवाश्म भी मिले हैं इस मंदिर के ठीक निचे ओएनजीसी द्वारा भी कुछ साल पहले तेल की तलाश के लिए प्लांट शुरू किया गया है। इस मंदिर के ठीक सामने कुल्लू और लाहौल स्पीति के बर्फ के पहाड़ नजर आते हैं जो इसकी शोभा को चार चांद लगा देते हैं।