संपादकीय
Editorial Hindi News, Hindi Editorials | Insightful Analysis and Perspectives News in hindi विचार मंच – संपादकीय, नज़रिया, बोलेगा तो, आज के ट्वीट,
जन्म तों पहले ही धियाँ मार मुकाईयाँ रब्ब वर्गेयाँ हाथ चोंवी ज़हर दियाँ सुईईयाँ आईयां ने।
✍️ तृप्ता भाटिया गर्भ में आये हर बच्चे को जन्म मिले यह उसका जन्मसिद्ध अधिकार होना चाहिए पर वह बेटा हो या बेटी इस ...
“लड़दीयाँ फौजां और नाम सरदारों के”
सभी पार्टियों के कार्यकर्ता की दशा एक जैसी ही है| चुनाव लोकसभा का हो या विधानसभा । दरबार में सियासत के प्यादे बिछा कर ...
आखिर इंसान क्यों ऐसी गलती कर बैठता है?
राजेश सारस्वत| क्या आपने कभी किसी जानवर को, किसी पक्षी को,किसी पशु को जानबूझकर आग में जाते हुए देखा है?नहीं।कभी पानी में डूबकर आत्महत्या ...
हम उस दिन महिला दिवस मनायेंगे जब आप सब थोड़े से सुधर जाएंगे
हमें कोई International Women’s Day का मैसज न करे, क्योंकि दिवस हमेशा कमज़ोर के मनाये जाते हैं जैसे कि मज़दूर दिवस कभी थानेदार दिवस ...
पैरों तले स्टूल खिसका और अरमान फंदे पे
कभी-कभी अरमान लटके रह जाते हैं फंदे पे और ज़िन्दगी का स्टूल खिसक जाता है। वर्षों का गुमान एक झटके में जब टूटता है ...
पर वो मेरी दोस्त कभी थी नहीं
कभी -कभी अनजाने में लोग फेसबुक पर भी मिल जाते हैं अब कुछ लाइक और शेयर पिछले साल की यादों में फेसबुक मैमोरी में ...
अक्सर जवानों की शहादत के समय किये वादे क्यों भूल जाती है सरकार और नेता ?
प्रजासत्ता | बहुत दुःख होता है जब भी ऐसा कोई किस्सा सामने आता है कि हमारे देश की सरकारें और नेता देश के लिए ...
आख़िर खुद को मिले चंदे को उजागर क्यों नहीं करते राजनीतिक दल ?
प्रजासत्ता | राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को लेकर पहले प्रस्तुत किए बजट में नियम बदले गए थे| चुनावी राजनीति से काले धन ...
अंतिम लेख : जब प्रथमिकता नहीं होती तो नज़रअंदाज़ होना लाजमी
अंतिम लेख : जब प्रथमिकता नहीं होती तो नज़रअंदाज़ होना लाजमी है, फिर भी ज़िन्दगी खूबसूरत है। ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है कभी इतने मत ...
मैं खफा तो हूँ पर गिला नहीं…
तृप्ता भाटिया “मैं खफा तो हूँ पर गिला नहीं…” बहुत मुश्किल होता है इंसान बने रहना, जब आपके दिल के कोने से आह सी ...