धर्मेंद्र सूर्या |
चंबा जिला के सलूणी की भांदल पंचायत के बहुचर्चित मनोहर हत्याकांड में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। निर्मम हत्या के मामले में अभी भी जाँच जारी। भीड़ द्वारा आरोपियों का घर जला देने की वजह से कुछ सबूत जरुर नष्ट हो चुके हैं, लेकिन फिर भी पुलिस ने अधिकतर सबूतों को इक्कठा कर लिया था। वहीँ मामले में कई अन्य बातें भी निकल का सामने आ रही है। जिससे पता चलता है कि अगर भेड़ पलकों का डेरा हत्या स्थल के करीब नहीं होता तो मनोहर के शव को खोज पाना मुश्किल हो जाता।
जानकारी देते हुए भेड़ चरवाहे सूरज ने बताया की मनोहर की हत्या के दौरान उसने अपना डेरा उसी नाले में लगाया था, जहां पर मनोहर के शरीर के टुकड़े छुपाए गए थे। भेड़ चरवाहे सूरज ने कहा जिस दिन सूरज की हत्या हुई उसी रात के 8:00 बजे हमने 2 लड़कियों को देखा। उन लड़कियों के नजदीक जाने पर पता चला वह बकरवाल की लड़कियां हैं। भेड़ चरवाहे ने लड़कियों को पूछा कि इतनी रात को कहां जा रहे हो, तो उन्होंने कहा कि हमारा बैल गुम हुआ है उनको ढूंढ रहे हैं। चरवाहे ने दूसरे दिन सुबह के समय भी बकरवाल की पत्नी को भी उसी स्थान के आसपास देखा था।
बता दे कि भेड़ पालक के डेरे से 30-40 मीटर की दूरी पर पत्थर के नीचे ही मनोहर के शव को दफनाया गया था। भेड़ पलकों का डेरा अगर वहां पर नहीं होता तो आज तक मनोहर का शव नहीं मिल पाता। मनोहर के लापता होने के बाद जब पुलिस मनोहर को ढूंढटी हुई वहां आई तो युवक का शव नाले से बरामद किया गया। पुलिस को वहां से उसके सिर, पैर और हाथ के अलावा शरीर के अन्य हिस्से मिले।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि 21 साल के मनोहर लाल का दूसरे धर्म की युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसके बाद 6 जून को युवक के लापता होने का मामला सामने आया। इस पर जब हिमाचल पुलिस ने गश्त की, तो युवक का शव नाले से बरामद किया गया। मनोहर का शव आठ टुकड़ों में बरामद किया गया। मामले की जांच के बाद पुलिस ने युवती के परिवार से पूछताछ शुरू की। जांच में पता लगा कि मनोहर लड़की के परिवार के गुस्से का शिकार हो गया। पुलिस को उसके सिर, पैर और हाथ के अलावा शरीर के अन्य हिस्से मिले हैं। जांच में सामने आया कि पेड़ काटने के कटर से मनोहर का शरीर काटा गया है। इस हत्याकांड से नाराज लोगों ने बीते गुरुवार को आरोपियों के घर को आग के हवाले कर दिया था।