धर्मेंद्र सूर्या। सलूणी
भांदल छिंज मेले में गुरुवार को भावुक मोड़ आ गया जब एक पहलवान ने बीस वर्षों तक कुश्ती लड़ने के बाद अपने अंतिम मुकाबले में जीत हासिल कर संयास ले लिया। उपमंडल के भांदल गांव निवासी ज्ञयास देव पुत्र स्व. पूर्ण ने वर्ष l2003 में स्कूल से कुश्ती मुकाबलों में हिस्सा लेने की शुरुआत की थी। फिर लगातार बीस वर्षों तक कुश्ती लड़ते रहे। जमा दो की पढ़ाई करने के बाद कई वर्षों तक मेहनत मजदूरी के साथ कुश्ती लडा करते रहे।
वर्तमान समय में वह हिमाचल प्रदेश के ऊना में एस फोर जी कंपनी में बतौर सिक्योरिटी सुपरवाइजर के पद पर अपनी सेवाएं देते हुए अपने परिवार का गुजर बसर कर रहे हैं। गुरुवार को भांदल छिंज मेले में अपनी अंतिम कुश्ती लड़ते हुए अखाड़े के बीच में ही माता का आशीर्वाद लेकर कुश्ती से सन्यास का ले लिया। उस समय देखने वाले पल थे जब एक मांके साथ पहलवान ने अखाड़े के बीच सन्यास लिया और सभी जनता का अभिवादन स्वीकार किया। मां के लिए भी यह खुशी के पल थे कि उसके पहलवान बेटे ने सन्यास से पहले की अपनी अंतिम कुश्ती भी जीत ली।