हमें कोई International Women’s Day का मैसज न करे, क्योंकि दिवस हमेशा कमज़ोर के मनाये जाते हैं जैसे कि मज़दूर दिवस कभी थानेदार दिवस नहीं होता। जब आप महिला के शरीर के अंगों की गिनती करते हुए सोशल मीडिया पर गालियां देना छोड़ देंगे। एक दिन की वाह-वाही तुमको ही मुबारक हो, हम तो तब महिला दिवस मनाएंगे जब सब महिलाओं पर अपराध करने वाले अपराधियों को सज़ा होगी। इंसाफ मांगना नहीं पड़ेगा न खरीदना पड़ेगा और न ही हमें जस्टिस फ़ॉर फलाना-ढिमकान का ट्रेंड चलना पड़ेगा।