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Gangs of Wasseypur 2 : गैंग्स ऑफ वासेपुर 2 में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के ये आइकॉनिक डायलॉग्स 12 साल बाद आज भी है सभी को याद!

Gangs of Wasseypur 2 : गैंग्स ऑफ वासेपुर 2 में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के ये आइकॉनिक डायलॉग्स 12 साल बाद आज भी है सभी को याद!

12 Years of ‘Gangs of Wasseypur 2: “गैंग्स ऑफ वासेपुर 2” को रिलीज हुए 12 साल हो गए हैं, ऐसे में चाहकर भी हम फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जबरदस्त परफॉर्मेंस को नजरअंदाज नहीं कर सकते।

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नवाजुद्दीन सिद्दीकी का फैजल खान का रोल गैंग्स ऑफ़ वासेपुर में किसको याद नहीं है, उनके डायलॉग की डिलीवरी इतनी परफेक्ट थी कि वह फिल्म के यादगार पल में तपदील हो गई, और इसका पूरा क्रेडिट एक्टर को ही जाता है।

आइए Gangs of Wasseypur 2  की उन लाइंस पर नजर डालते हैं जो नवाजुद्दीन के जबरदस्त एक्टिंग टेलेंट को दर्शाती हैं और बताती हैं कि फैजल खान का किरदार आज भी इतना यादगार क्यों है।

1.”बाप का, दादा का, भाई का, सबका बदला लेगा रे तेरा फैजल”

नवाजुद्दीन द्वारा इस लाइन को दमदार ढंग से कहने से फैजल खान की बदला लेने की गहरी इच्छा खुलकर सामने आती है, जिससे यह फिल्म के सबसे मजबूत पलों में से एक बन गया है।

2. “तुमसे ना हो पाएगा”

नवाजुद्दीन द्वारा उनके अंदाज में शांत तरीके से कही गई यह सिंपल लेकिन दमदार लाइन काफी पॉपुलर हो गई। इसमें दिखाया गया है कि फैजल अपने दुश्मनों को किस तरह से नीचा दिखाता है।

3. “कह के लूंगा”

अपने शांत और सोच समझकर बोलने के तरीके से, नवाजुद्दीन ने इस डायलॉग को यादगार बना दिया। ये फैज़ल की बदले की मज़बूत इच्छा को दिखाता है।

4.”परमिशन लेने में टाइम लगता है भैया। इंतज़ार करने का टाइम नहीं है हमको”

नवाजुद्दीन की एक्टिंग में फैजल की जल्दबाजी और मजबूत इरादा साफ नजर आता है। यह फैजल के तेज नजरिए और और देरी के प्रति नापसंदगी पर रोशनी डालता है।

5.”जब तक हम तुम्हारे बाप हैं, तब तक हम बाप हैं। बाप के बाप तुम्हारे बाप”

नवाजुद्दीन सिद्दीकी की दमदार मौजूदगी के साथ कही गई यह लाइन वासेपुर की ताकत को दर्शाती है। यह फैजल के कंट्रोल और ताकत को उजागर करती है।

6.”गोली नहीं मारेंगे। कह के लेंगे उसकी”

इस लाइन में फैजल के रूप में नवाजुद्दीन की चालाकी और रणनीतिक एक्टिंग साफ झलकती है। इससे पता चलता है कि फैजल को शारीरिक लड़ाई के बजाय दिमागी खेल पसंद है।

7.“बेटे, तुमसे ना हो पाएगा”

एक बार फिर, नवाजुद्दीन सिद्दीकी का आत्मविश्वास और नकारात्मक रवैया सामने आता है, क्योंकि वह अपने प्रतिद्वंद्वी की सफलता की संभावना को बहुत छोटा और नजरअंदाज करने लायक बना देते हैं।

इन यादगार डायलॉग्स के साथ फैजल खान के रूप में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की भूमिका ने उन्हें इंडिया के बेस्ट एक्टर में से एक बना दिया है। जैसा कि हम “गैंग्स ऑफ वासेपुर 2” के 12 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, ये लाइंस अभी भी उभर कर सामने आती हैं, जो नवाजुद्दीन की शानदार परफॉर्मेंस और इंडियन सिनेमा पर फिल्म के कभी ना मिटने वाली छाप को दर्शाती हैं।

Tek Raj

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

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