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मानव भारती विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री कांड पर विधायक राजेन्द्र राणा ने फिर सरकार को घेरा

मानव भारती विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री कांड पर विधायक राजेन्द्र राणा ने फिर सरकार को घेरा

हमीरपुर|
हिमाचल प्रदेश के मानव भारती विश्वविद्यालय में डिग्री फर्जीवाड़े को लेकर बीजेपी को विधानसभा के अंदर व बाहर घेरते आ रहे राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने फिर से मुखर होते हुए सवाल खड़ा किया है कि शर्तें पूरी न होने के बावजूद मानव भारती विश्वविद्यालय को मंजूरी देने के पीछे कौन हैं। क्योंकि जब तक इसकी जांच नहीं होती है तो असली गुनाहगार को शिकंजे में लेना मुश्किल होगा।

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राणा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग करते हुए कहा है कि जयराम ठाकुर अब तो इस मामले की सही व निष्पक्ष जांच करवा लो। क्योंकि अब प्रदेश में बीजेपी सरकार के पहले संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने भी स्पष्ट कह दिया है कि वह फर्जी डिग्री कांड की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। राणा ने कहा कि शांता ने ठीक ही कहा है। वास्तव में अगर फर्जी डिग्री कांड की निष्पक्ष व सही जांच होती तो जो लोग आज खुले घूम रहे हैं, वह जेलों में होते और उनको जेल में होना भी चाहिए।

राणा ने कहा कि उक्त फर्जी डिग्री कांड ने हिमाचल प्रदेश की साख को देश और दुनिया में दागदार किया है लेकिन सरकार इस मामले से अभी भी बचना चाह रही है। राणा ने फिर सवाल खड़ा किया है कि जब इस फर्जी डिग्री कांड के मुख्य सरगना का रिकॉर्ड ही अपराधिक था तो तत्कालीन सरकार ने किस कारण वह कौन सी मजबूरी में इस यूनिवर्सिटी को चलाने की मंजूरी दी। असल गुनाहगार तो वह लोग हैं, जिन्होंने सत्ता का दुरूपयोग करते हुए शर्तें न पूरी करने के बावजूद इस यूनिवर्सिटी को चलाने व बनाने की परमीशन दी है।

राणा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से कहा है कि कांग्रेस की न सही लेकिन बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की ही इस मामले में सुनें व सरकार निर्भय होकर इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाए ताकि प्रदेश की जनता को यह पता चल सके कि इस गुनाह के पीछे असली गुनाहगार कौन है। जिसे बकौल पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार जेल में होना चाहिए था लेकिन वह बाहर घूम रहा है। बीजेपी की दागदार छवि शांता कुमार जी के इस बयान से परमाणित हो रही है कि फर्जी डिग्री कांड और फर्जी संस्थान प्रदेश के माथे पर कलंक है और उससे भी बढ़कर शर्मसार करने वाली बात यह है कि हिमाचल सरीखे प्रदेश से फर्जी डिग्रियों की सेल लगी रही लेकिन हिमाचल सरकार को पता नहीं चल पाया।

राणा ने कहा कि ठीक कहते हैं शांता कुमार कि पुलिस और सरकार को इस मामले की भनक कैसे नहीं लग पाई। धन और सत्ता के प्रभाव में बहुत कुछ बिक जाता है। फर्जी डिग्री कांड की जांच भी इस प्रभाव में धीरे-धीरे दम तोड़ रही है। अगर ऐसा नहीं होता तो असल गुनाहगार कब के जेल की सलाखों के पीछे होते। राणा ने कहा कि इस मामले की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई से होनी जरूरी थी लेकिन सरकार शायद इसमें कुछ दबाना व छिपाना चाहती है और इसी दबाव के कारण इस फर्जी डिग्री कांड के असली गुनाहगार जिन्हें जेल में होना चाहिए था वह बाहर मौज कर रहे हैं।

Tek Raj

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