हमीरपुर।
रिश्वत के आरोप में निलंबित एसएचओ नीरज राणा को सोमवार को विजिलेंस थाना हमीरपुर में तलब किया गया। आरोपी से दोपहर करीब 12 बजे से शाम पांच बजे तक पूछताछ हुई। बता दें कि नीरज के खिलाफ भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम, हत्या के प्रयास और एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज है। मामला सामने आने के बाद से आरोपित फरार था उसके बाद उसके वकील ने हाई कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की। इसी बीच, बीते शुक्रवार को हाईकोर्ट ने आरोपी को 31 जनवरी तक अंतरिम अग्रिम जमानत दी।
सूत्रों के मुताबिक आरोपी विजिलेंस जांच में सहयोग नहीं कर रहा। विजिलेंस ने इंस्पेक्टर नीरज राणा से घूस के 25 हजार रुपये केस प्रॉपर्टी के रूप में प्रस्तुत करने के लिए कहा, लेकिन एसएचओ ने घूस के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि उनके पास कोई पैसे नहीं हैं।
वहीं विजिलेंस टीम का दावा है कि उनके पास
शिकायतकर्ता और एसएचओ नीरज राणा के बीच रिश्वत को लेकर फोन पर हुई बातचीत का रिकॉर्ड उपलब्ध है। शिकायतकर्ता ने घूस की 25 हजार रुपये की रकम एसएचओ को दी थी, उसमें केमिकल लगा था। हर नोट का सीरियल नंबर रिकॉर्ड के रूप में विजिलेंस के पास है। इससे स्पष्ट होता है कि आरोपी विजिलेंस के सामने मुकर रहा है। बता दें कि 21 दिसंबर को विजिलेंस ने एसएचओ नीरज राणा के खिलाफ रिश्वत के आरोप में मामला दर्ज किया था।
गौर हो कि आरोपी नीरज राणा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के हरोली का रहने वाला है। साल 2010 में वह बतौर सब इंस्पेक्टर भर्ती हुआ था। उसका प्रोबेशन ट्रेनिंग पीरियड भी हमीरपुर और नादौन थाने में ही कटा है। बाद में वह विजिलेंस विभाग शिमला में तैनात रहा। यहां से कांगड़ा जिले के जवाली में बतौर थाना प्रभारी बनाया गया। साल 2020 में नीरज राणा को नादौन थाने का प्रभारी तैनात किया गया था।
बता दें कि 21 दिसंबर दोपहर बाद हमीरपुर विजिलेंस टीम ने नादौन थाना प्रभारी नीरज राणा को 25 हजार रिश्वत लेने के बाद गिरफ्तार नहीं कर पाई थी और अपनी गाड़ी से विजिलेंस टीम को कुचलने का प्रयास कर मौके से फरार हो गया थे। बाद में बरामद नीरज की गाड़ी से चिट्टा भी मिला है। राणा के खिलाफ आरोप है कि वह मवेशियों को पठानकोट ले जाने वाली गाड़ी के परमिट देने के एवज में 25 हजार रुपये रिश्वत लेने पहुंचा था।