प्रजासत्ता।
कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो….
कई लोग अपनी समस्याओं और दिव्यांगता से परेशान होकर जिंदगी हार जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जो ऐसा कुछ कर जाते हैं, जिससे वह दुनिया में नाम कमा जाते हैं। कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश कर रहे हैं हमीरपुर जिला के बड़सर के रहने वाले दिव्यांग आदर्श शर्मा।
बता दें कि आदर्श का दायां हाथ न मात्र ही काम कर पाता है। लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नही बनने दिया। बल्कि अपने बाएं हाथ को अपनी ताकत बना कर बेजान कागजों पर तस्वीरें उकेर उनमें रंग भर नया जीवन देकर दूसरों के लिए जिंदगी जीने की प्रेरणा बन रहे है। आदर्श शर्मा कई सेलब्रटी,राजेताओं व देश के लिए शहीद हुए महान देश भक्तों के स्केच बना चुके हैं।
हमीरपुर जिला के 18 वर्षीय आदर्श बड़सर तहसील के बारहनी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बड़सर से ही अपनी 12 वीं कक्षा की पढ़ाई की है। उनके माता पिता कृषक है। उनके पिता गोपाल शर्मा, माता आशा कुमारी, भाई चंचल शर्मा है। साधारण परिवार में पैदा हुए आदर्श पढ़ाई में भी अच्छे है।
उनके पिता ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके बेटे आदर्श को बचपन से ही दाहिने हाथ में समस्या थी। लेकिन उन्होंने अपने बेटे को कभी यह महसूस नहीं होने दिया। उन्होंने बताया की परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है, लेकिन फिर भी अपने बेटे को पढ़ाने के लिए कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आदर्श ने स्कूल स्तर पर होने वाली, दौड़ और शॉर्टफुट प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर मेडल भी हासिल किए है। हालांकि उन्हें सरकार की तरफ से कोई भी प्रोत्साहन नही मिला है। लेकिन फिर भी उन्होंने अपने बेटे के जज्बे को कम नही होने दिया हैं
वहीं खेलों में पेंटिंग व माडल प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने पर बड़सर के एसएचओ प्रवीन राणा और समाज सेवक संजय पटियाल ने 5100 रुपए पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि आदर्श शर्मा की कला को निखारने की हर सम्भव सहायता करेंगे।