हेल्थ टिप्स |
Ayurvedic Tips For Healthy Digestion in hindi: आजकल की जीवनशैली में अक्सर कुछ लोगों को खाना खाते ही पेट में ब्लोटिंग, दर्द, गैस, अपच, पेट में जलन, (Healthy Digestion) कब्ज आदि समस्याएं होने लगती हैं। ज्यादातर लोग इन समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन आपको बता दें कि ये समस्या हमारे गलत खानपान होने पर पाचन से जुड़ी परेशानियां होती हैं।
दरअसल, ये सभी पेट संबंधित समस्याएं पाचनशक्ति या पाचनतंत्र के कमजोर होने से होती हैं। डायजेशन या पाचनशक्ति कई बार आपके भोजन करने के समय, आप क्या खाते हैं, उससे भी प्रभावित होता है। यदि आपका हाजमा दुरुस्त नहीं रहेगा तो आपका खाना शरीर को नहीं लगेगा। कमजोर पाचन तंत्र आपके मेटाबॉलिज्म को भी खराब कर देता है, जिससे आपकी इम्यूनिटी भी कमजोर पड़ने लगती है।
आयुर्वेद के अनुसार, आप जो भी खाते हैं, उस पर ध्यान देने के साथ ही इस बात पर भी ध्यान देना जरूरी होता है कि आप भोजन कैसे करते हैं। पाचनशक्ति बेहतर होने से आपके द्वारा खाए गए खाद्य पदार्थों से शरीर बेहतर तरीके से पोषक तत्वों को अवशोषित कर पाता है। आप भी कुछ आयुर्वेदिक घरेलू टिप्स की मदद से आप पाचन की समस्याएं दूर कर सकते हैं। आइये जानते है 5 Ayurvedic Tips For Healthy Digestion in hindi में ।
सौंफ के बीज (Fennel Seeds)
ये शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी पैदा किए बिना हमारी पाचन अग्नि को बढ़ाते हैं और खाने के बाद महसूस होने वाली ऐंठन, सूजन और गैस को शांत करने में मदद करते हैं। अगर आप खाने के बाद अपच या अन्य समस्या महसूस करते हैं, तो अपने पेट को आराम देने के लिए भोजन के बाद एक चम्मच सौंफ के बीज चबाने से आपको फायदा मिलेगा।
त्रिफला (Triphala)
त्रिफला डाइजेस्टिव हेल्थ के लिए सबसे लोकप्रिय समाधानों में से एक है। त्रिफला को एडाप्टोजेन (Adaptogen) माना जाता है और यह पोषण तत्वों भरपूर है। ये आपके पाचन और फास्ट एब्जॉर्ब में मदद करता है। त्रिफला को रात भर भिगोकर रखें और अगले दिन त्रिफला पानी को पिएं।
लौंग (Cloves)
डाइजेस्टिव सिस्टम में लौंग शरीर को अनवांटेड पैथोजन और इंफेक्शन से छुटकारा दिलाने में मदद करती है, जो सूजन या खराब पाचन का कारण बन सकते हैं। खाना खाने के बाद 1-2 लौंग चबाएं।
च्यवनप्राश (Chyawanprash)
जड़ी-बूटियों, मसालों और वनस्पति के मिश्रण का इस्तेमाल हजारों सालों से इंटेस्टाइन हेल्थ, जीवन शक्ति, पाचन अग्नि और ओवरऑल यूज किया जाता रहा है। सुबह खाली पेट या रात को सोने से एक चम्मच च्यवनप्राश खाना चाहिए।
दहीं
जब भी खाएं आप दही या दही से बनी लस्सी पी सकते हैं। (Ayurvedic Tips to Improve Digestion) दही में गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो आंतों को लुब्रिकेट करते हैं। खाना खाने के बाद आप लस्सी पी सकते हैं। इससे पाचनशक्ति मजबूत होती है और भोजन आसानी से पच जाता है।