प्रजासत्ता|
भारतीय तेज गेंदबाज रेणुका सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की मंगलवार को जारी नवीनतम महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में गेंदबाजों की सूची में पांच पायदान की छलांग से 13वें स्थान पर पहुंच गई हैं। पिछले हफ्ते चेस्टर ली स्ट्रीट में पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की नौ विकेट की हार के दौरान चार ओवर में सिर्फ 23 रन देकर किफायती गेंदबाजी करने वाली रेणुका के 612 रेटिंग अंक हैं।
बता दें कि कॉमनवेल्थ खेलों में पहली बार शामिल महिला क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट हासिल करने वाली हिमाचल की बेटी रेणुका ने अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान अपनी और खिंचा था। हिमाचल के जिला शिमला की रहने वाली रेणुका ने कम समय में ही विश्व के टी-20 के गेंदबाजों में टॉप-20 में नाम शामिल कर लिया है। अगर रेणुका सिंह का गेंदबाजी में ऐसा ही प्रदर्शन जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं, जबकि वह टॉप थ्री टी-20 गेंदबाजों में शामिल हो जाएंगी।
बता दें कि रेणुका सिंह का अंतरराष्ट्रीय टी-20 में सात अक्तूबर 2021 को आस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू मैच हुआ था। लेकिन बारिश के कारण यह मैच पूरा नहीं हो पाया था। इसके बाद रेणुका ने 22 फरवरी 2022 को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। इसमें रेणुका ने दस ओवरों में 59 रन देकर एक विकेट हासिल किया था। इसके बाद रेणुका ने श्रीलंका के खिलाफ मैचों में शानदार प्रदर्शन किया था। वहीं उन्होंने कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय दर्शकों का ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लोगों को अपना फैन बना लिया था।
भारतीय तेज गेंदबाज रेणुका सिंह, ऐसी खिलाडी है कि जिनकी तारीफ में पीएम मोदी ने दिल को छू लेने वाली बातें कहीं हैं। बर्मिंघम में संपन्न हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में इंडियन वुमेन क्रिकेट टीम द्वारा सिल्वर मेडल जीतने के बाद पीएम मोदी ने टीम के साथ मुलाकात के दौरान भारतीय महिला टीम की जमकर तारीफ की। उन्होंने तेज गेंदबाजी में कमाल दिखाने वाली रेणुका सिंह के बारे में कहा- सभी खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है लेकिन रेणुका की स्विंग को तोड़ अभी भी किसी के पास नहीं है। दिग्गजों के बीच टॉप विकेट टेकर रहना कोई कम उपलब्धि नहीं है। इनके चेहरे पर भले ही शिमला जैसी शांति रहती हो, पहाड़ों की मासूम मुस्कान रहती हो लेकिन उनकी आक्रामकता बड़े-बड़े बल्लेबाजों का हौंसला पस्त करती है। ये प्रदर्शन निश्चित रूप से दूर-दराज के क्षेत्रों में बेटियों को प्रेरित व प्रोत्साहित करेगा।
कौन हैं रेणुका सिंह ठाकुर
रेणुका सिंह ठाकुर का जन्म 1 फरवरी 1996 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुआ था। उनके हाथ पर पिता के साथ खेलती हुई बेटी का टैटू बना हुआ है। उन्होंने इसे अपने पिता केहर सिंह ठाकुर की याद में बनवाया है, जिनकी 1999 में मृत्यु हो गई थी। वह रोहड़ू में हिमाचल प्रदेश के सिंचाई और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में काम करते थे। सही मायने में क्रिकेट के मैदान पर उनकी सफलता उनके पिता के सपने का ही प्रतिबिंब है। केहर सिंह क्रिकेट के दीवाने थे। इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि उनके बड़े बेटे विनोद का नाम पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली के नाम पर रखा गया है।
पिता की मृत्यु के बाद रेणुका की मां सुनीता को 2000 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में अपने पति की नौकरी की जगह काम करना पड़ा, जबकि उनके बच्चों को शुरू से क्रिकेट में खास लगाव रहा। वे गांव के ही एक टूर्नामेंट में खेलते थे, जहां कभी-कभी रेणुका सुबह और शाम दोनों मैचों में दिखाई देने वाली एकमात्र लड़की होती थीं। उनकी मां सुनीता दो बच्चों के लिए क्रिकेट का खर्च नहीं उठा सकती थीं, इसलिए ना चाहते हुए भी विनोद को यह खेल छोड़ना पड़ा।
साल 2009 में लड़कियों के लिए हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की आवासीय अकादमी में शामिल होने के बाद रेणुका के करियर को काफी बढ़ावा मिला। पहाड़ी इलाकों से आने के कारण वह स्वाभाविक रूप से फिट थीं, और अकादमी के कोचों ने उनकी सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए उनसे क्रॉस-कंट्री रन करवाया। अकादमी में, रेणुका सिंह ने कोच पवन सेन और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच वीना पांडे से प्रशिक्षण लिया।
रेणुका ने अकादमी में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी लाइन और लेंथ के साथ अच्छी गति और नियंत्रण भी हासिल किया। इस दौरान इन-स्विंग और यॉर्कर के अलावा, उन्होंने लेग-कटर गेंदबाजी करने में भी महारत हासिल की। रेणुका सिंह ने 2016 में कर्नाटक के खिलाफ अंडर-19 मैच में हैट्रिक ली और 2019 में बीसीसीआई महिला वनडे टूर्नामेंट में 23 विकेट के साथ सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनकर उभरीं। जल्द ही रेणुका सिंह को रेलवे में नौकरी मिल गई।