प्रजासत्ता।
देश में बनी 1221 दवाओं में से 40 दवाओं के सैंपल केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन के मानकों पर सही नहीं उतर पाए है। जिन दवाओं के सैम्पल फ़ैल हुए हैं उनमे हिमाचल प्रदेश की निजी फार्मा कंपनियों में बनने अल्सर और कोलेस्ट्रॉल समेत 10 दवाओं के भी शामिल हैं। फरवरी माह में संगठन द्वारा देशभर से 1221 सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 40 सैंपल फेल हुए हैं।
प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाह ने बताया कि प्रदेश की जिन दस दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। उनमें छह दवाएं सोलन और चार दवाएं सिरमौर जिले में बनी हैं। इनमें दर्द, उल्टी, संक्रमण, हार्ट अटैक, अल्सर, कोलेस्ट्रॉल की दवाएं शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार बद्दी स्थित सैणी माजरा थियोन फार्मा की बोमेलेन ट्रिस्पिन रूटोसाइड का सैंपल फेल हुआ है। यह दर्द निवारक दवा है तथा आपातकाल में मरीज को दी जाती है। बद्दी की अंग लाईफ साईस से लिया गया डोमनपेरिडन का सैंपल भी फेल हुआ है। इस दवा का इस्तेमाल उल्टी रोकने के लिए किया जाता है।
इसी प्रकार बद्दी भटोलीकंला स्थित स्काडिल एडवांस रिसर्च कंपनी की दवा मेरोपेन का सैंपल भी फेल पाया गया है। इस दवा का इस्तेमाल संक्रमण रोकने के लिए किया जाता है। बरोटीवाला की पुष्कर फार्मा द्वारा ह्रदय राेगियों के लिए बनाया गया इंजेक्शन पिनाईटोईन सोडियन का सैंपल भी फेल हुआ है।
फार्मा फोरस लेब पांवटा द्वारा निर्मित अल्सर की दवाई सुखारालफेट एंड आक्सीटासाइन के दो सैंपल फेल हुए हैं। ओजाेन फार्मा बद्दी से लिया गया कोलेस्ट्राल की दवा ओजोवास व ऐडिसन फार्मा सिरमौर से लिया गया अल्सर की दवा एसोमेपराजोल का सैंपल भी फेल हुआ है।
इसी प्रकार लेबारेट फार्मा पांवटा से लिया गया एंब्राक्सोल डोक्सीसाईक्लिन का सैंपल फेल पाया गया है। इस दवा का इस्तेमाल संक्रमण रोकने के लिए किया जाता है। श्रीराम हेल्थकेयर झाड़माजरी बद्दी से लिया गया अल्सर की दवा पेंटाप्रोजोल रजिस्टेंट का सैंपल फेल पाया गया है।