शिमला ब्यूरो|
हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन की शुरुआत सदन में हंगामे के साथ हुई। विपक्ष की तरफ से ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) पर चर्चा की मांग गई। लेकिन प्रश्नकाल के दौरान चर्चा नहीं मिलने पर विपक्ष सदन में खड़ा होकर नारेबाजी करने लगा और बाद सदन से वॉक-आउट कर दिया।
दरअसल कांग्रेस विधायक आशा कुमार ने सदन में नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाया था। इसे लेकर विपक्ष ने बीते शुक्रवार को ही स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार किया। उन्होंने कहा कि नियम 278 के 11 अगस्त को विपक्ष द्वारा जब सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तो उस दौरान OPS पर चर्चा हो चुकी है। ऐसे में इस पर दोबारा चर्चा का कोई औचित्य नहीं है।
वहीँ विपक्ष के सदन से वॉक-आउट के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के सम्मानीय नेता वीरभद्र सिंह ने ओपीएस को लागू किया था। कांग्रेस उनके नाम पर वोट मांगती है और आज कांग्रेस उनके ओपीएस लागू करने के निर्णय का विरोध कर रही है। अगर वीरभद्र कही देख रहे होंगे तो उनकी आत्मा को भी ठेस पहुंच रही होगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आदत पड़ गई है काम रोकने की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर कर्मचारियों को भड़का रहा है। उनकी सरकार ने इस मसले को लेकर हाई पावर कमेटी गठित कर रखी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित दो राज्य ओपीएस को बहाल करने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन इसे केवल नोटिफिकेशन जारी करके बहाल नहीं किया जा सकता है।