प्रजासता |
देश की आजादी के बाद 15 अप्रैल 1948 को 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल राज्य का गठन हुआ। तब इसे मंडी, महासू, चंबा और सिरमौर चार जिलों में बांट कर प्रशासनिक कार्यभार एक मुख्य आयुक्त को सौंपा गया। बाद में इसे पार्ट-सी कैटेगरी का राज्य बनाया गया। 25 जनवरी 1971 को हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
25 जनवरी का दिन हिमाचल के लोगों के लिए एक यादगार दिवस है| उस दिन की बात है जब, आसमान से चांदी बरस रही थी। हिमाचल को पूर्ण राज्य बनाने की घोषणा भी ऐसी महिला प्रधानमंत्री ने की, जिसे देश ही नहीं दुनिया में भी अपने फैसलों के लिए जाना जाता था। राजधानी शिमला में भारी बर्फबारी हो रही थी, लेकिन सब लोग टकटकी लगाए खड़े थे, सभी को बेसब्री से इंतजार था, उस ऐतिहासिक क्षण का, और फिर, बर्फ के फाहों के बीच शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से जैसे ही प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान करने का ऐलान किया, ठंडी फिजाओं में गर्माहट आ गई और लोग खुशी से झूम उठे| तब हिमाचल आजाद भारत का 18 वां राज्य बना|
हिमाचल प्रदेश ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक छह मुख्यमंत्रियों को देखा है| प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बनने का गौरव डॉ. यशवंत सिंह परमार को मिला जिन्हें हिमाचल निर्माता के नाम से भी पुकारा जाता है| डा. यशवंत सिंह परमार वर्ष 1976 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे| उनके बाद ठाकुर राम लाल मुख्यमंत्री बने और प्रदेश की बागडोर संभाली| वर्ष 1977 में प्रदेश में जनता पार्टी चुनाव जीती और शांता कुमार मुख्यमंत्री बने| वर्ष 1980 में ठाकुर राम लाल फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गए| 8 अप्रैल 1983 को उनके स्थान पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को बनाया गया| साल 1998 में पहली बार प्रो प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने| वर्त्तमान में जयराम ठाकुर पहली बार बतौर मुख्यमंत्री प्रदेश की बागडोर संभाल रहे हैं| सबसे अधिक वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल के सीएम रहें हैं|
पहाड़ों का आंचल..हिमाचल
हिमाचल का शाब्दिक अर्थ है बर्फीले पहाड़ों का आंचल| हिमाचल को देवभूमि और वीरभूमि भी कहा जाता है| जब-जब देश पर संकट आया है यहां के जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है| पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद हिमाचल ने दिनों-दिन तरक्की की है, लेकिन कुछ चुनौतियां आज भी बरकरार हैं| रोजगार, शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य, नशा मुक्ति और पीने का शुद्ध पानी आज बड़ी चुनौतियां है|, जिनसे पार पाकर ही हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के सपनों को साकार किया जा सकता है.|