प्रजासत्ता ब्यूरो शिमला।
मुख्यमंत्री ने एक तरफ आश्वाशन दिया कि वेतन विसंगतियाँ दूर करने की कोशिश की जाएगी और दूसरी तरफ डीजीपी से लिखित आदेश निकलवा दिए कि वो अनुशासन में रहे और सोशल मीडिया पर भी ऐसी कोई मांग या इस से सम्बंधित पोस्ट न डालें।
जैसे ही आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुये पुलिस जवानों के परिवारों , दोस्तों और मीडिया ने उनकी मजबूरी को समझते हुए न्याय के लिए कमर कस ली।
जवान यदि संशोधित वेतनमान मांग रहे है तो इसमें गलत क्या है ?
हिमाचल पुलिस की छवि पूरे भारत में सबसे बेहतरीन है लेकिन आज जवान आंदोलन का रास्ता अपना रहा है ,क्यों ? भले ही सरकार इनकी आवाज को दबाने के प्रयास करे पर उनके परिवार न्याय के लिए सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं
क्या सरकार उससे पहले इनकी मांगे मान लेगी या इन्ही पुलिस कर्मियों को अपने ही परिवार के आंदोलन को नियंत्रित करने की ड्यूटी देगी।
आपको बता दें कि किस तरह भेदभाव हो रहा है और कब से।
पुलिस सिपाहियों को शुरूआती ग्रेड पे 1900 रुपये है। जबकि स्केल 5900-20200 रुपये पर तैनाती की जाती है।
दो साल की सेवा पूरी करने के बाद ही सिपाहियों को 3200 रुपये का ग्रेड पे और 10300-34800 रुपये का स्केल दे दिया जा रहा था। लेकिन, अब लाभ के लिए दो के बजाय आठ साल का इंतजार करना पड़ता।
पहली पदोन्नति 9 साल की नौकरी पूरी करने पर ही मिल जाती है, वहीं पुलिस में 11 से 12 साल की नौकरी पूरी करने पर पहली पदोन्नति मिलती है। पुलिस अधिकारी और सिपाही 24 घंटे नौकरी करता है।
पुलिस में सिपाही, राजस्व विभाग में पटवारी, प्रशासनिक सेवा में कनिष्ठ लिपिक का प्रारंभिक वेतनमान 5200 से 20200 और ग्रेड पे 1900 रुपए है। 9 साल की सेवा पूरी करने पर पहली पदोन्नति के बाद जहां पटवारी की ग्रेड पे 1900 से बढ़कर 3200 रुपए, कनिष्ठ लिपिक की 2400 रुपए हो जाती है, वहीं सिपाही की ग्रेड पे 2000 रुपए ही होती है। दूसरी पदोन्नति पर पटवारी नायब तहसीलदार बनकर 3600 रुपए कनिष्ठ लिपिक कार्यालय सहायक बनकर 3200 रुपए की ग्रेड पे लेता है वहीं सिपाही एएसआई के रूप में 2400 रुपए की ग्रेड पे लेता है।
इसी तरह 27 साल की सेवा पर तीसरी पदोन्नति लेकर सिपाही उप निरीक्षक, पटवारी तहसीलदार और कनिष्ठ लिपिक कार्यालय अधीक्षक बन जाता है। तब तहसीलदार की ग्रेड पे 4200 रुपए, कार्यालय अधीक्षक की 3600 रुपए और उप निरीक्षक की 3600 रुपए होती है। यही हाल लगभग कारागार सेवा के कर्मचारियों का है।