श्रद्धा हत्याकांड में आए दिन कुछ न कुछ दिल दहलाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। इसी बीच दिल्ली पुलिस की एक टीम ने पार्वती घाटी और कसोल के तोश इलाके तक जांच करने के लिए पहुंच चुकी है। जहां पर पुलिस ने साफ कर दिया है कि आफताब और श्रद्धा अप्रैल में इस जगह पर साथ पहुंचे थे। श्रद्धा और आफताब यहां एक गेस्ट हाउस में रुके थे। इस दौरान श्रद्धा ने गेस्ट हाउस की रकम को यूपीआई के माध्यम से दी थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार आफताब ने व्हाइट लोटस गेस्ट हाउस को 760 रुपये दिए थे। इसके अलावा श्रद्धा ने यूपीआई के जरिए 820 रुपये का भुगतान किया था। बता दें ये गेस्ट हाउस मलाना गांव के करीब है। इसके अलावा यहां की चरस विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। वो दोनों गेस्ट हाउस में रुके थे और सात अप्रैल को ट्रैकिंग पर भी गए थे। इसके बाद दोनों 8 अप्रैल को वापस लौट गए थे।
इस गेस्ट हाउस की देखभाल करने वाले चांद से जब आफताब और श्रद्धा के बारे में पूछा गया। तो उसने कहा कि वे दोनों सामान्य लग रहे थे। वो दोनों पहले दिन ट्रैकिंग के लिए गए थे। पुलिस के पूछने पर चांद ने कहा उनके पास कुछ भी संदिग्ध सामान नहीं था और मुझे नहीं पता कि वो गेस्ट हाउस से निकलने के बाद कहां गए। इसके अलावा सूत्रों ने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश में श्रद्धा को जान से मारने की प्लानिंग बनाई होगी, लेकिन उसे यहां ऐसा करने का मौका नहीं मिला। इसलिए आफताब ने होटल के कर्मचारी को केवल अपना आधार कार्ड दिया, जबकि गेस्ट हाउस के रजिस्टर में एंट्री नहीं कराई।
हिमाचल प्रदेश के तोश इलाके में आफताब और श्रद्धा जिस जगह पर घूमने के लिए गए थे, वहां पर पुलिस ने दौरा किया। इसके अलावा पुलिस ने यह भी पता लगाया कि क्या आफताब किसी ड्रग तस्कर के संपर्क में था। इसके अलावा दिल्ली में पुलिस ने बद्री का बयान दर्ज किया है, जो अफताब और श्रद्धा के साथ हिमाचल प्रदेश से दिल्ली आया था।