प्रजासत्ता|
हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामला तूल पकड़ रहा है। युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिला में प्रदर्शन किया। कांग्रेस की युवा ब्रिगेड ने धरना देकर हिमाचल पुलिस महानिदेशक (DGP) संजय कुंडू को पद से हटाने की मांग की।
वहीँ कहीं कहीं युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार , सीएम और डीजीपी का पुतला भी फूंका और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान कई जगह तो माहौल तनावपूर्ण हो गया। बिलासपुर पुलिस को मौके पर पुलिस दल भेजना पड़ा। वहीँ हमीरपुर में पुलिस और युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं में धक्कामुक्की भी हुई।
गौरतलब है कि युवा कांग्रेस बीते 9 दिनों से सभी जिला मुख्यालयों में क्रमिक अनशन कर रही है। युकां कार्यकर्ता पुलिस पेपर लीक मामले की CBI जांच से संतुष्ट नहीं है, जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह मामला CBI को सौंपने का निर्णय लिया है।
युवा कांग्रेस का कहना है कि पेपर लीक मामले में तब तक निष्पक्ष जांच संभव नहीं है जब तक संजय कुंडू को पद से नहीं हटाया जाता है। वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक की जांच इस मामले में संलिप्त पुलिस अधिकारियों को बचाने का प्रयास नजर आता है। अब तक केवल पेपर खरीदने के लिए पैसे देने वाले बच्चों को ही गिरफ्तार किया गया है। पेपर जिन अधिकारियों की लापरवाही से लीक हुआ। उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
युवा कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश के 75 हजार से अधिक युवाओं से खिलवाड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार पेपर लीक की सरकार बन गई है। कभी JOA का पेपर लीक होता है, कभी कालेज में अंतिम वर्ष परीक्षा का पेपर तो कभी पुलिस का पेपर लीक किया जाता है।
युवा कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि यदि DGP को जल्द पद से नहीं हटाया गया तो युवा कांग्रेस अपने आंदोलन को उग्र करेगी। इसकी जिम्मेदारी जयराम सरकार की रहेगी।
वहीं युवा कांग्रेस का आरोप है कि CBI मोदी सरकार के इशारे पर काम करती है। ऐसे में इस मामले में CBI से निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। खासकर जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है और यह मामला सत्तारूढ़ भाजपा को सत्ता से बाहर खदेड़ने के लिए काफी है। लिहाजा इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करानी चाहिए।