प्रजासत्ता|
पुरानी पेंशन की बहाली का मुद्दा इस समय संपूर्ण हिमाचल में छाया हुआ है। एक लंबे समय से संघर्षरत न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ अपने अधिकारों की लड़ाई में दिन रात डटा है। गौरतलब है कि तीन मार्च को शिमला में ऐतिहासिक धरने के बाद ये मुद्दा और ज्यादा गरमा गया है। सरकारी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को हर मंच पर उठाया है लेकिन मौजूदा सरकार से कर्मचारियों को अभी तक इस मुद्दे पर निराशा ही हाथ लगी है।
महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि, प्रदेश के समस्त सरकारी कर्मचारियों ने न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के बैनर तले पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए मंडी से शिमला तक पदयात्रा की 3 मार्च को पदयात्रा के साथ हजारों की संख्या में लोग शिमला में पहुंचे तथा पुरानी पेंशन की मांग को पुरजोर तरीके से रखा ,संपूर्ण हिमाचल प्रदेश से हर विभाग के कर्मचारी हजारों की संख्या में शिमला माननीय मुख्यमंत्री महोदय से सिर्फ एक निवेदन करने के लिए पहुंचे थे कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए लेकिन शिमला में विधानसभा के प्रांगण में लाठीयों, पानी की बौछारों से उनका स्वागत किया गया जो कि अत्यंत दुर्भग्यपुरण था।
पदाधिकारियों ने कहा कि कर्मचारी मुख्यमंत्री महोदय के पास सिर्फ एक मांग पुरानी पेंशन को लेकर गया था लेकिन बदले में महासंघ के पदाधिकारियों पर FIR की गई जिससे प्रदेश का हर कर्मचारी आहत हुआ है , शांतिपूर्वक तरीके से रोष प्रकट करना किसी भी नागरिक या कर्मचारी का संवैधानिक अधिकार है इसी की कड़ी में 16 मार्च को हिमाचल प्रदेश के हर खंड में शांतिपूर्वक कैंडल मार्च निकाला तथा सरकार के समक्ष रोष प्रकट किया।
हिमाचल प्रदेश के लगभग सभी कर्मचारी इस कैंडल मार्च को हिस्सा बने। अंत में उन्होंने सरकार से आग्रह किया की सरकार जल्द पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करे। इस मौके पर ब्लॉक अध्यक्ष इंद्र सिंह, राज्य सचिव संजीव ठाकुर, राज्य कार्यकारणी सदस्य नीरज चौहान, जिला कार्यकारणी सदस्य कुलदीप सिंह , ब्लाक महासचिव मनोज चंद्रा ,ब्लाक सिहुंता कोषाध्यक्ष पवन ड़ड़वाल , अमित शर्मा ,संजय गोस्वामी ,विकास शर्मा ,सुवनित शर्मा ,सेवन कुमार ,यशवंत सिंह ,भरतभूषण इत्यादि सहित सभी विभाग के लगभग 200 कर्मचारी व आम नागरिकों ने इस कैंडल मार्च में भाग लिया।