मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि सरकार पुलिस कर्मचारियों की मदद के लिए कोई न कोई रास्ता जरूर निकालेगी। उन्होंने कहा कि अभी तक असमंजस यही था कि पुलिस कर्मी अनुबंध के आठ साल के बाद नियमित होकर पूरा वेतनमान पाते होंगे। ऐसा ही प्रतिनिधित्व इनकी मांगों का होता आया। हम इसे विभाग को भेजते रहे, लेकिन पुलिस कर्मियों की नियुक्ति तो अनुबंध पर होती ही नहीं है। 2015 में सेवा शर्ते बदली, इसके लिए हमारी सरकार दोषी नहीं है।
शनिवार को शिमला स्थित अपने सरकारी आवास ओकओवर में बड़ी संख्या में आए पुलिस कर्मियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप 2013 से पहले की व्यवस्था बहाल देखना चाहते हैं। सरकार को इसके वित्तीय प्रभावों को भी देखना होगा। आपकी ही तर्ज पर अन्य भी लाभ मांगेंगे। पहले क्लर्क भर्ती होते थे, अब जूनियर आफिस असिस्टेंट होते है। काम दोनों का एक जैसा है, पर वेतनमान में फर्क है। सरकार पूरे मामले का अध्ययन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली।