मंडी|
मंडी की सुंदरनगर की सलापड़ और कांगू पंचायत में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत के मामले में पुलिस के हाथ बड़ा सुराग लगा है। मृतकों के विसरा में पाई गई मेथेनॉल और जहरीली शराब में पाई गई मेथेनॉल के सैंपल मैच हो गए हैं। गौरतलब है कि शराब को अधिक नशीला बनाने के लिए एथेनॉल (पीने योग्य अल्कोहल) में मेथेनॉल (इंडस्ट्रियल अल्कोहल) मिलाई गई थी। इससे यह शराब जहरीली बन गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रारंभिक जांच में मृतकों के विसरा जांच में मेथेनॉल की पुष्टि हुई थी, लेकिन शराब में मेथेनॉल की पुष्टि नहीं हुई थी। अब सीटीएल लैब की रिपोर्ट में मिक्सिंग की पुष्टि हो गई है। इससे 28 आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित करने में यह अहम साक्ष्य बनेगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिस शराब के सैंपल में यह पुष्टि हुई है, वह बिलासपुर के बरमाणा में बहाई गई जहरीली शराब है।
जहरीली शराब से सात लोगों की मौत के बाद आरोपी रविंद्र ने इसे नदी में बहा दिया था। इसके बाद अयोध्या फरार हो गया था। बाद में उसे पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि यह जहरीली शराब हमीरपुर और नालागढ़ की तीन नकली फैक्ट्रियों में बनी है। हालांकि, अभी प्रदेश में भरे 600 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। इसके बाद मजबूत साक्ष्यों के साथ पुलिस अदालत में अनुपूरक चार्जशीट दाखिल करेगी। बता दें कि कुछ महीने पहले हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल के सलापड़ और कांगू में नकली व जहरीली शराब का सेवन करने सात लोगों की मौत हो गई थी।