प्रजासत्ता।
मंडी के पड्डल मैदान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह, परिवहन विभाग द्वारा परिवहन निदेशक अनुपम कश्यप, अतिरिक्त निदेशक घनश्याम की अध्यक्षता में परिवहन मंत्री के निदेशों पर इलैक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में इलैक्ट्रिक वाहनों के विभिन्न मॉडल प्रदर्शित किए गए। इलैक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी आयोजित में लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और सरकार के इस प्रयास को जमकर सराहा।
मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट, इलैक्ट्रिक वाहन हिमाचल की सड़कों पर दौड़ें इसके लिए प्रदेश सरकार राज्य में इलैक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन प्रदान के लिए बहुआयामी प्रयास कर रही है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश की इलैक्ट्रिक वाहन पॉलिसी की घोषणा भी की है। इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश को विद्युत गतिशीलता और इलैक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में वैश्विक केंद्र बनाना है तथा विद्युत चलित वाहनों के लिए सार्वजनिक एवं निजी चार्जिंग की आधारभूत सरंचना को तैयार करना है।
इस इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश को विद्युत गतिशीलता और इलैक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में वैश्विक केन्द्र बनाना है। जिसके लिए प्रदेश सरकार ने राज्य में वर्ष 2025 तक 15 फीसदी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
परिवहन विभाग द्वारा लगाई गई इस प्रदर्शनी में लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन से संबंध में जानकारियां दी परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई की आने वाले समय में प्रदेश के अन्य क्षेत्रों इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में संपूर्ण जानकारी देने और लोगों को जागरूक करने के लिए वाहन निरीक्षक तैनात किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रिक वाहन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और यह वाहन सभी प्रकार की टेस्टिंग प्रक्रिया से गुजरते हैं। इलैक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण को भी विशेष बल मिलता है, क्योंकि इनके प्रयोग से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता।इलेक्ट्रिक वाहनों का रख-रखाव खर्च कम होता है और पेट्रोल और डीजल वाहनों की अपेक्षा इलैक्ट्रिक वाहनों में प्रति किलोमीटर खर्च कम होता है।