प्रजासत्ता|
हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के धरने प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए जयराम सरकार ने तानाशाही फरमान जारी किया है। जारी फरमान के अनुसार अब सूबे के कर्मचारी अगर हड़ताल पर जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जानकारी अनुसार पर्सोनल विभाग के अंडर सेक्रेट्री बलबीर सिंह की तरफ से यह आदेश जारी किए गए हैं।
आदेशों के अनुसार, यदि कोई भी सरकारी विभाग के कर्माचारी पेन डाउन स्ट्राइक और मास लीव या फिर हड़ताल करेंगे तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी,साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि कोई आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसे तुरंत प्रभाव से सस्पेंड और नौकरी से निकाला जा सकता है।
सरकार ने सिविल सर्विस रूल्स 3 और 7 का हवाला देते हुए आदेश जारी किए हैं कि प्रदर्शन, बहिष्कार, पेन डाउन स्ट्राइक और इस तरह की अन्य गतिविधियों में शामिल सरकारी कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा और साथ ही कर्मचारियों पर अपराधिक मामला भी दर्ज होगा।
बता दें कि बीते बुधवार को पत्रकारों के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि जो आंदोलन के माध्यम से बात करना चाहते हैं, उन्हें वह साफ संदेश देना चाहते हैं कि मेहरबानी करके जिसने अपनी बात करनी है, वह सहजता और सरलता से करें।
आंदोलन की भाषा में कोई सोचेगा भी कि जबरदस्ती उनकी बात मानेंगे और अपनी बात मनवाने का दबाव बना रहे हैं तो वह उन्हें साफ कह देना चाहते हैं कि उनकी बात नहीं मानी जाएगी। जो कर्मचारी नियमों को तोड़ेंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी। वहीँ अब इस सम्बंध में आदेश भी जारी हो चुके हैं। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी, ओल्ड पेंशन स्कीम,पे-कमीशन ,पे-बेंड, स्थाई नौकरी और पॉलिसी जेसे मुद्दों पर सरकार से स्थाई निति की मांग कर रहे हैं।