प्रजासत्ता
सरकार की उदासीनता के कारण जेबीटी प्ररीक्षु दर-दर भटकने को मजबूर है यह बात जेबीटी संयुक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश की तरफ से जरी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही गई है| बता दें कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर द्वारा जेबीटी के 617 पदों के लिए 12 मई 2019 को छटनी परीक्षा का आयोजन किया गया था, और इतना ही पद बैच के आधार पर भरे गए जो आज नियमित होने वाले हैं|
मगर कमीशन का रिजल्ट आज तक घोषित नहीं हो पाया है, क्योंकि एनसीटीई बी.एड को भी प्राथमिक स्तर पर पात्र माना है, जिसके कारण यहा भर्ती पिछले 3 वर्षों से कोर्ट में लटकी हुई है| वर्तमान में जेबीटी के आरएंडपी नियम में बी.एड को भी कोई जगह नहीं है|
बावजूद इसके सरकार इसमें कोई संज्ञान नहीं ले रही है| जिसके कारण लगभग 40000 जेबीटी प्ररीक्षु का भविष्य भी दांव पर लगा हुआ है| सयुंक्त मौर्चा में मांग की है कि इस मामले पर सरकार को चाहिए कि वह अपना पक्ष मजबूती के साथ कोर्ट में रखे और भर्ती को बहाल कर जेबीटी प्ररीक्षु को राहत प्रदान करें