प्रजासत्ता|
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पर एक महिला पुलिस कर्मी की ओर से यौन उत्पीड़न के सनसनीखेज मामले के सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। अब अखिल भारतीय पुलिस कल्याण महासंघ भी पीडि़ता के पक्ष में उतर गया है। महासंघ ने मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाही की मांग की है।
राष्ट्रीय महासचिव रमेश चौहान ने कहा कि संगठन इस मामले को मुख्यमंत्री व गृह सचिव के साथ प्रमुखता से उठाएगा। इस संबंध में इन्हें पत्र लिखा जाएगा। इसमें आरोपित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी मामला दबाने के प्रयासों में लगे हुए हैं, अगर मामला दबाया तो महासंघ इनके खिलाफ कोर्ट जाएगा।
रमेश चौहान ने कहा कि महिला पुलिस कर्मी महिला थाने में ही सुरक्षित नहीं है। उन्हें अधिकारी उत्पीडि़त कर रहे हैं। ऐसे अफसर पुलिस विभाग की छवि भी खराब कर रहे हैं। विभाग में कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जिन पर महिलाओं से छेड़छाड़, अश्लील हरकतें करने के गंभीर आरोप हैं। ऐसे अफसरों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। महासचिव ने सरकार से आग्रह किया कि वह ऐसे संवेदनशील मामलों की विभागीय जांच समयबद्व तरीके से पूरी करवाएं। जांच लंबी न चलें, इसका लाभ आरोपित पक्ष उठाता है।
बता दें कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस मुख्यालय दूसरे दिन भी मौन रहा। मुख्यालय की ओर से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है कि आखिर मामले की जांच किसे दी गई है। दरअसल, एसपी शिमला ने शिकायतकर्ता, आरोपी अधिकारी और गवाहों के शिमला जिले में ही तैनात होने का हवाला देते हुए पारदर्शी जांच के लिए मामला सीआईडी को सौंपने की सिफारिश की है।
पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। माना जा रहा है कि चूंकि सीआईडी के पास पहले ही कई गंभीर मामलों की जांच लंबित है। ऐसे में इस मामले को एक जांच कमेटी गठित कर दिया जा सकता है, जिसकी अध्यक्षता किसी महिला पुलिस अधिकारी को सौंपी जा सकती है।
क्या है पूरा मामला
शिमला में एएसपी पर महिला कांस्टेबल से छेड़छाड़ के आरोप में मामला दर्ज