प्रजासत्ता|
पंजाब के नतीजों के कारण कांग्रेस के लिए हिमाचल में समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। हिमाचल में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी लिए पंजाब में मजबूती से सत्ता में आई आम आदमी पार्टी ने अपनी गतिविधियां पहाड़ी राज्य में बढ़ा दी हैं। वहीँ पांच में हार के कारण कांग्रेस पार्टी अभी से हिमाचल में संगठन को मजबूत करने की फिराक में है।
उधर पार्टी की नाराज चल रही युवा लीडरशिप का झुकाव अब आप की ओर हो गया है। ऐसे नेता जो किसी न किसी कारण से संगठन से नाराज हैं अब उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ना शुरू कर दिया है। कांग्रेस की इस टूट के कारण ही प्रदेश में आप की स्थिति मजबूत हो रही है। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी ने भी पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
आप की निगाहें अब उन असंतुष्टों पर रहेंगी जो कांग्रेस से लंबे समय से नाराज हैं और हाशिये पर चल रहे हैं। वहीं कांग्रेस के लिए भी अब ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं को साथ रखना एक बड़ी चुनौती रहेगा। हिमाचल में आम आदमी पार्टी की एंट्री से सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही होगा। पार्टी के प्रदेश संगठन में टूट इसका सबसे बड़ा कारण है।
भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी के कारण कांग्रेस हिमाचल में इस बार चुनावों में मजबूत होती, लेकिन नेताओं की टूट के कारण पार्टी और कमजोर हुई है। ऐसे में इस टूट के कारण सीधा लाभ आम आदमी पार्टी को ही मिलेगा।