हिमाचल प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व की भाजपा सरकार के समय एक अप्रैल 2022 के बाद खोले नए कार्यालयों को बंद कर दिया, जबकि स्तरोन्नत कार्यालयों को पुरानी स्थिति में ला दिया है।
स्वास्थ्य, राजस्व, वन, लोक निर्माण और कृषि विभाग के ऐसे 307 नए कार्यालय सुक्खू सरकार ने बंद कर दिए हैं। संबंधित विभागाध्यक्षों ने बुधवार को इन कार्यालयों को डिनोटिफाई कर दिया है। सरकार ने 179 स्वास्थ्य संस्थान, 79 पटवार सर्किल, 3 तहसील, 20 उपतहसील और 9 कानूनगो सर्किल, लोक निर्माण विभाग के 16 सर्किल, डिवीजन, सब डिवीजन बंद किए हैं। हिमाचल में 75 साल बाद मंडी में खुला सेटलमेंट डिवीजन और ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के तहत सराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली में खोला वन्य प्राणी डिवीजन भी डिनोटिफाई किया है।
प्रदेश सरकार का मानना है कि भाजपा सरकार के समय बिना बजट प्रावधान और बिना पद सृजित किए जो कार्यालय खोले गए थे, उन पर यह कार्रवाई की गई है। इन कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी साथ लगते अन्य कार्यालयों में शिफ्ट होंगे। आगामी दिनों में सरकारv समीक्षा कर जरूरत के हिसाब से कार्यालय दोबारा खोलने या न खोलने पर विचार करेगी।
पूर्व की जयराम सरकार की ओर से एक अप्रैल 2022 के बाद खोले करीब 250 स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का फैसला कैबिनेट बैठक में होगा। इन संस्थानों में कितने विद्यार्थियों ने दाखिले लिए हैं, कितने शिक्षक नियुक्त हैं, इन संस्थानों से सटे पुराने शिक्षण संस्थानों की दूरी कितनी है, इन सबका डाटा तैयार किया जा रहा है। सभी जानकारियां कैबिनेट बैठक में लाई जाएंगी। उसके बाद ही इन्हें बंद रखने या खुले रखने का फैसला लिया जाएगा।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार की ओर से संस्थान बंद करना न्यायसंगत नहीं, बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण है। जल्द हमारी पार्टी प्रदेश हित में जनता के साथ सड़कों पर उतर कर कांग्रेस सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन करेगी और जरूरत पड़ी तो कोर्ट में भी इस विषय को उठाएगी। जयराम ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बदले की भावना से काम करने के आज के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है।