शिमला|
हिमाचल में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत सेवारत 1700 से अधिक कर्मचारी बीते 6 दिन से काले बिल्ले लगाकर अपना रोष जाहिर कर रहे हैं, लेकिन सरकार और नौकरशाही पर इसका कोई असर नहीं दिखा। इसलिए सभी कर्मचारी आज से पेन डाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं। प्रदेश में इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ेगा, क्योंकि कई चिकित्सा संस्थान नेशनल हेल्थ मिशन के अनुबंध कर्मियों के सहारे चल रहे हैं।
दरअसल, नेशनल हेल्थ मिशन कर्मी 1998 के बाद से स्वास्थ्य विभाग में ड्राइवर, लैब टेक्निशियन , फार्मासिस्ट, महिला स्वस्थ्य कार्यकर्ता, डाटा एंट्री ऑपरेटर, ट्रीटमेंट सुपरवाइज़र, लैबोरेटरी सुपरवाइज़र, फीजियोथेरैपिस्ट, काउंसलर इत्यादि पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। दो दशक से अधिक की सेवाओं के बावजूद इनके लिए स्थाई नीति नहीं बनाई गई। जबकि अधिकतर राज्य नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारियों के नियमितिकरण के लिए पॉलिसी बना चुके हैं।
लेकिन हिमाचल में अभी भी नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारियों की सेवाएं राज्य स्वास्थ्य समिति के साथ अनुबंध के तहत ली जा रही हैं। दो दशक तक की सेवाओं के बाद भी इन्हें नाममात्र मानदेय दिया जा रहा है। इसे देखते हुए नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारियों ने तब तक पेन डाउन स्ट्राइक करने का निर्णय लिया है, जब तक उनके लिए पॉलिसी नहीं बना दी जाती।