प्रजासत्ता ब्यूरो।
हिमाचल प्रदेश में चुनावी बिसात बिछ चुकी है। चुनाव में जीत के लिए डबल इंजन की सरकार ने पूरी ताक़त झोंक दी है, और भाजपा इस बार प्रदेश में रिवाज बदलने की बात कर रही है। लेकिन इसमें सबसे बड़ा रोड़ा बीजेपी के ही बाग़ी नेता बनते दिखाई दे रहे हैं।
हालाँकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के हस्तक्षेप के बाद कुल्लू, रामपुर और धर्मशाला सीटों के बाग़ी नेताओं को बीजेपी मनाने में सफल रही लेकिन इसके बाबजूद भी क़रीब 21 बाग़ी नेता अभी भी मैदान में हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव में टिकटों की घोषणा के बाद भाजपा क़रीब 2 दर्जन बाग़ी नेताओं ने चुनाव में ताल ठोंकी थी लेकिन नड्डा के कहने पर कुछ ने नामांकन वापिस लिया लेकिन रोहडू, किन्नौर, देहरा, चंबा, मंडी, नालागढ़, बिलासपुर सहित 21 विधानसभा सीटों पर बाग़ी नेता चुनावी रण में डटे हुए है।
वहीं सूत्रों के मुताबिक़ बीजेपी इन सभी बाग़ी नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने वाली है। पार्टी के निर्देशों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले सभी बाग़ियों को पार्टी बाहर का रास्ता दिखायेगी और 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करेगी। इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का पूरा ज़ोर है कि उस मिथक को तोड़ना कि कोई सरकार हिमाचल में रिपीट नहीं होती।