शिमला|
हिमाचल प्रदेश में सरकारी कामकाज में गोपनीयता बनाए रखने के लिए शासन और प्रशासन की अहम गोपनीय बैठकों में स्मार्टफोन और स्मार्ट वॉच ले जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर सरकारी दस्तावेज भेजने पर भी रोक लगा दी गई है। वीआईपी मूवमेंट की जानकारी सोशल मीडिया या (व्हाट्स एप) पर शेयर करना कानूनी अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।
केंद्र सरकार की ओर से गोपनीय सूचनाएं लीक होने से रोकने के लिए जारी किए गए
आदेशों के बाद हिमाचल प्रदेश पुलिस की सीआईडी साइबर क्राइम यूनिट ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस सम्बंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेशों के अनुसार अधिकारी गोपनीयता दस्तावेजों की जानकारी दूसरे अधिकारियों और कर्मचारियों से भी सांझा नहीं कर सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल साइबर क्राइम एएसपी नरवीर सिंह ने कहा कि इस बारे में विभागों और संबंधित एजेंसियों को निर्देश जारी किए गए हैं। इन एप के सर्वर को विदेश में निजी कंपनियों की ओर से संचालित किया जाता है। ऐसे में गोपनीय सूचनाओं का भारत विरोधी तत्वों की ओर से दुरुपयोग किया जा सकता है। ऐसे में यह सख्ती की गई है।
पुलिस का मानना है कि व्हाट्सएप सरकारी दस्तावेज नहीं है। अकसर यह भी देखने मेें आया है कि कई बार सरकारी ऑर्डर लागू होने से पहले ही व्हाट्सएप पर घूम जाते हैं। इससे विभाग की गोपनीयता लीक हो जाती है।