शिमला ब्यूरो|
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने वर्तमान एवं पूर्व सांसदों और विधायकों के विरुद्ध लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी चार सप्ताह के भीतर कोर्ट के समक्ष रखने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश अमजद ए सईद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जूडिशियिल को लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी अनुपालन रिपोर्ट के माध्यम से देने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने संबंधित नेता के खिलाफ लगाए गए आरोपों के अलावा संबंधित कोर्ट का नाम भी मांगा है, जिसके समक्ष यह मामला दायर है। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की तारीख और केस की स्थिति से संबंधित जानकारी भी मांगी है। यह जानकारी सारिणीबद्ध ढंग से कोर्ट के समक्ष रखनी होगी, इसमें सभी जिलों में पूर्व अथवा मौजूदा सांसदों व विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की मौजूदा स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने अश्वनी कुमार उपाध्याय केस में राज्य सरकार को वर्तमान एवं पूर्व सांसदों और विधायकों के लंबित आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित करने के आदेश दिए थे। इन आदेशों की अनुपालना में हिमाचल सरकार ने पूर्व व वर्तमान सांसदों और विधायकों के आपराधिक मामले शीघ्रता से निपटाने के लिए सत्र न्यायाधीशों को विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया है।
राज्य हाईकोर्ट ने सभी विशेष न्यायाधीशों को माननीयों के आपराधिक मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने अपने आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट पाक्षिक आधार पर हाईकोर्ट के समक्ष रखने के आदेश भी दिए थे। कोर्ट ने आदेश के पालन की रिपोर्ट पाक्षिक आधार पर हाईकोर्ट के समक्ष रखने का आदेश भी दिया था।