प्रजासत्ता ब्यूरो।
हिमाचल में अडानी ग्रुप की दो सीमेंट फैक्ट्रियों और ट्रक ऑपरेटरों के बीच चल रहा विवाद 50 दिन बाद भी सुलझ नहीं पाया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भी ट्रांसपोर्टरों के साथ बैठक की, लेकिन अभी विवाद नहीं सुलझा। वहीं अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने अडानी समूह की दोनों कंपनियों को लेकर सख्ती करनी शुरू कर दी है। हिमाचल सरकार की ओर से दो फरवरी को लिखित आदेश जारी हुए हैं जिसमे कंपनी से जुड़ी जानकारियां और उससे संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए बिलासपुर जिला के उपायुक्त और उपायुक्त सोलन को कहा गया है।
जिस संबंध में गुरुवार को उपायुक्त बिलासपुर उपायुक्त सोलन की ओर विभिन्न विभागों से सरकार की तरफ से जारी आदेशों पर दोनों कंपनियों से संबंधित कुछ विशेष जानकारियां देने को कहा गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार की तरफ से कंपनी के बारे में लैंड एक्वजेशन एक्ट1894 के तहत सरकार द्वारा कंपनी के लिए एक्वायर की गई भूमि की जानकारी। इसके अलावा कंपनी द्वारा लीज पर ली गई भूमि के अलावा कंपनी द्वारा 118 की परमिशन के साथ स्थानीय लोगों द्वारा खरीदी गई भूमि और 118 की परमिशन सहित जानकारी।
इस संबध में अलग अलग विभागों से कंपनी के बारे में जानकारी, उनका रिकॉर्ड,118 की परमिशन,और कंपनी द्वारा किसी भी प्रकार की वॉयलेशन से संबधित जानकारीयां दस्तावेजों सहित प्रस्तुत करने के लिए आदेश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में अदानी समूह के एसीसी सीमेंट प्लांट, जबकि सोलन जिला के अर्की दाडलाघाट में दो,और नालागढ़ में एक सीमेंट प्लांट है।