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कर्मचारियों की पेंशन बहाली को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप का बयान गैर जिम्मेदाराना

Himachal Politics

शिमला|
नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों ने सामूहिक बयान में कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप वर्तमान समय में खुद दो पेंशन ले रहे हैं और सांसद का वेतन ले रहे हैं। अर्थात वह सरकारी पैसा तीन जगह से ले रहे हैं और कर्मचारियों की पेंशन का विरोध कर रहे हैं जिससे कर्मचारी वर्ग में भारी रोष है और उनसे मांग करता है कि उन्हें यदि कर्मचारियों की पेंशन के प्रति इतनी ही दिक्कत है तो वह जो दो पेंशन ले रहे हैं तुरंत प्रभाव से उन्हें अपनी वह दोनों पेंशन छोड़ देनी चाहिए।

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महासंघ का कहना है कि वर्तमान समय में उनकी पेंशन एक लाख से अधिक और वेतन भी एक लाख से अधिक है । वह सरकारी पैसा 2 से 3 के बीच या इससे ले रहे हैं, जो कि सीधे-सीधे सरकारी पैसे की लूट है। राजनीति समाज सेवा का एक माध्यम हुआ करती थी लेकिन वर्तमान राजनीतिज्ञ सीधे-सीधे सरकारी पैसों को लूटने का काम कर रहे हैं जो सरासर गलत है।

कर्मचारी अपना संवैधानिक हक मांग रहे हैं जिसे इन राजनेताओं द्वारा छीन लिया गया है। सभी कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें संविधान के दायरे के अनुसार ही पेंशन मिलती थी लेकिन अब संविधान की अवहेलना हो रही है l जो नेता खुद 2-3 पेंशन लेते हैं। वह कर्मचारियों की पेंशन का विरोध करते हैं।

प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि जहां एक तरफ सुरेश कश्यप कर्मचारियों की पेंशन बहाली को लेकर गलत बयान बाजी कर रहे हैं,वही अपनी पेंशन को लेकर मुस्कुरा कर चुप रहते हैं। वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जब 2017 में चुनाव हुए थे तब इसी दल के मेनिफेस्टो में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में लिखा गया था लेकिन दुख की बात है कि इतने बड़े राजनीतिक दल के प्रदेश अध्यक्ष आज कर्मचारियों की पेंशन के खिलाफ बोल रहे हैं।जबकि सरकार द्वारा पेंशन बहाली हेतु कमेटी गठन के लिए अधिसूचना की गई है।

महासंघ ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय को इस बात का स्पष्टीकरण देना चाहिए कि वह कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली हेतु कमेटी गठन करने की अधिसूचना के संबंध में क्या अपने राजनीतिक दल से अलग विचार रखते हैं। माननीय मुख्यमंत्री महोदय भी भारतीय जनता पार्टी से ही संबंध रखते हैं इसलिए कर्मचारी उनसे भी पूछना चाहते हैं कि क्या सरकार और उनके दल में कोई मतभेद है या फिर सरकार के द्वारा कर्मचारियों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संगठन द्वारा जल्द राज्य स्तरीय बैठक बुलाकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। यदि सरकार जल्द कर्मचारियों की पेंशन बहाल नहीं करती तो इसका विरोध पूरे प्रदेश में किया जाएगा ।

विरोध करने वालों में नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर, महासचिव भरत शर्मा, संगठन के संस्थापक नरेश ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सौरव वैद्, महिला विंग अध्यक्ष सुनेश शर्मा, कोषाध्यक्ष शशि पाल शर्मा, संविधान पर्यवेक्षक श्यामलाल गौतम, संगठन सचिव घनश्याम, मुख्य प्रवक्ता नित्यानंद शदाट, अनिरुद्ध गुलेरिया, प्रवक्ता जावेद इकबाल, ओम प्रकाश, अमित कुमार, सलाहकार सुभाष शर्मा, कन्हैया राम सैनी,कमल चौधरी वसुदेव, संजीव अत्री, जोगीराम कन्याल, उपाध्यक्ष बलदेव बिष्ट, उत्तमचंद, संजीव शर्मा, वोविल ठाकुर, दीपक ओझा, बलवंत, शिवकुमार, नारायण सिंह, पंकज परमार, आईटी सेल प्रभारी सेल चौहान, संदीप, महिला विंग उपाध्यक्ष सुनीता, महिला विग संगठन सचिव पूजा सभरवाल, महासचिव ज्योतिका मेहरा, उपाध्यक्ष मोनिका राणा, मीडिया प्रभारी पंकज, पवन, अलका, प्रेस सचिव अजय बनियाल, भगत सिंह गुलेरिया, देवेंद्र सिंह प्रेमी, सचिव संजीव ठाकुर, जितेंद्र, जिला अध्यक्ष कांगड़ा रजिंदर मन्हास, जिलाध्यक्ष सिरमौर सुरेंद्र पुंडीर, जिलाध्यक्ष सोलन अशोक ठाकुर, जिलाध्यक्ष शिमला कुशाल शर्मा, जिला अध्यक्ष किन्नौर विजेंद्र जिंटू, जिला अध्यक्ष लाहौल स्पीति प्रताप कटोच, जिला अध्यक्ष कुल्लू विनोद डोगरा, जिला अध्यक्ष मंडी लेखराज, जिला अध्यक्ष चंबा सुनील जरियाल, जिला अध्यक्ष उन्ना विजय इंदौरिया, जिला अध्यक्ष हमीरपुर राकेश कुमार, जिला अध्यक्ष बिलासपुर राजेंद्र वर्धन, अनुशासन समिति अरुण धीमान, प्रचार सचिव कपिल राघव, वीरेंद्र ठाकुर, स्वर्ण सिंह, नीरज चौहान ललित, मोहन, विजय आर्य, राजेंद्र तोमर, रंजीत सिंह, सचिव अजीत बोध, संजीव ठाकुर, राजेंद्र कुमार, निर्मल राज, संदीप कुमार, सोहन सिंह, ललित चौहान, बलदेव सिंह, जितेंद्र कुमार, इत्यादि शामिल है|

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