हिमाचल सरकार द्वारा कर्मचारयों को लेकर जारी किये गए नए आदेशों के खिलाफ़ विपक्षी दल कांग्रेस ने मौर्चा खोल दिया है। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस के विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष की अगुवाई में जयराम सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट किया।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहित्री ने आरोप लगया कि भाजपा सरकार कर्मचारी विरोधी सरकार है और तीन पन्नो के नए आदेश जारी कर कर्मचारियों की आवाज़ दबाना चाहते है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार कर्मचारी न तो प्रदर्शन, न बात कर सकते हैं न घेराव कर सकते हैं, न ही लोकतांत्रिक अध्किअरों के तहत अपनी बात नही रख सकते। सरकारका का यह फैंसला तानशाही से भरा हुआ है|
अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल के कर्मचारी बहुत ही अनुशासित कर्मचारी है। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार कर्मचारियों को डराने धमकाने का काम कर रही है। पहले उन्होंने मीडिया के माध्यम से यह बात कही थी, लेकिन अब 3 पन्नों का पत्र जारी कर कर्मचारियों को ललकारा है। उन्होंने कहा कि यह सरकार पहले भी कर्मचारी विरोधी सरकार रही है, इन्होंने नो वर्क नो पे की बात करी थी, तथा पंजाब से ब्लैक कैट कमांडो मंगा कर कर्मचारियों को पिटवाया था।
अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार की नीति कर्मचारी विरोधी रही है आज जब पीड़ित कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, या धरना दे रहे हैं, या सरकार या विपक्ष से बातचीत करने जा रहे हैं तो उन्हें डराया जा रहा है। और यह अधिसूचना उस समय आई है जब की विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। उन्होंने कहा कि वह सरकार के इस आदेशों का विरोध करते हैं।
उन्होंने कर्मचारियों की मांगों को लेकर कहा कि वह सरकार से मांग करते हैं कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करें। उन्होंने कर्मचारियों से भी कहा कि उन्हें सरकार से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार के अब 6 महीने बचे हुए हैं इनकी विदाई लगभग तय है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों की भाषा कर्मचारियों के खिलाफ है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सराहना करते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ओल्ड पेंशन को लागू कर उन्होंने रास्ता दिखाया है इसलिए हिमाचल में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होनी चाहिए, इसके अलावा उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम अटल बिहारी सरकार के समय में बंद की गई थी।
कर्मचारियों की वेतन विसंगति को लेकर उन्हें कहा कि जो राइटर लगाए जा रहे हैं उसे किसी भी कर्मचारी को नुकसान नहीं होना चाहिए, इसके अलावा करुणामूलक आधार पर नौकरी की मांग कर रहे और आउटसोर्सिंग को लेकर पॉलिसी, एसएमसी टीचर, कंप्यूटर टीचर इसके अलावा बहुत से कर्मचारी वर्ग है जिनकी मांगों को सरकार ने पूरा नहीं किया। अब जब वह अपनी मांगों को लेकर विधानसभा में आ रहा है, तो अपने तानाशाही रवैया से सरकार उनकी आवाज को दबाना चाहती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल इसका विरोध करता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 4 साल से कर्मचारियों का शोषण किया है।