शिमला ब्यूरो |
हिमाचल की मौजूदा जयराम सरकार का आखिरी विधानसभा सत्र परसों यानी 10 अगस्त से शुरू हो रहा है। इसके लिए सत्तारूढ़ दल और विपक्ष दोनों तैयारियों में जुट गए हैं। मानसून सत्र में कुल 4 बैठकें रखी गई हैं। आखरी सत्र बेशक छोटा है, लेकिन चुनावी वर्ष में हंगामेदार रहेगा। विपक्षी दल कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी, अग्निपथ भर्ती योजना, पुलिस भर्ती मामला, जीएसटी और प्रदेश सरकार की विफलताओं के विरोध में प्रदेश कांग्रेस 12 अगस्त को विधानसभा का घेराव करेगी।
विपक्ष दल कांग्रेस आक्रामक रूख अपनाकर सत्ता पक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। खासकर महंगा कार्टन, कर्मचारियों के मुद्दे और पुलिस पेपर लीक मामले में विपक्ष सत्तारूढ़ भाजपा पर हमलावर रहेगा। इसी तरह राज्य की माली वित्तीय हालत को लेकर भी विपक्ष जयराम सरकार को घेरेगा। इस मुद्दे को सभी कांग्रेस नेता बीते एक माह से आक्रामक ढंग से उठा रहे हैं।
कांग्रेस का आरोप है कि हिमाचल सरकार ने जितना कर्ज पिछले 4-5 दशक में लिया है, उससे ज्यादा कर्ज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पौने 5 साल में ले चुके हैं। लिहाजा इस मसले पर भी सदन में तपिश देखने को मिलेगी। विधानसभा का घेराव के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के निर्देश पर पार्टी के सभी पदाधिकारी, विधायक, पूर्व विधायक, जिला व ब्लाक अध्यक्ष प्रदर्शन में शामिल होंगे। पार्टी पदाधिकारियों से कहा है कि दिन में 11 बजे आंबेडकर चौक चौड़ा मैदान शिमला पहुंचेंगे। इसके बाद विधानसभा की तरफ कूच करेंगे। चुनावी वर्ष में राजनीतिक दल पूरी तरह से सक्रिय हैं।
बता दें कि रविवार को छत्तीसगढ़ के मख्यमंत्री और कांग्रेस के मुख्य पर्यवेक्षक भूपेश बघेल ने हिमाचल विधानसभा सभा चुनाव को लेकर पार्टी नेताओं के साथ विचार विमर्श करके समीक्षा की। इसके साथ ही पार्टी नेताओं से चुनाव को लेकर फीडबैक भी लिया। चुनाव से पहले बनी विभिन्न कमेटियों के अभी तक के कामकाज के बारे में जानकारी भी ली। विधानसभा चुनाव में सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाकर पार्टी प्रचार करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में पार्टी के पर्यवेक्षक सचिन पायलट, राज्य से तीनों एआईसीसी सचिव, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री तीनों सह प्रभारी और चारों कार्यकारी अध्यक्ष मौजूद रहे।