शिमला|
हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव आज सदन में ध्वनिमत से गिर गया। इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्हें पहले ही मालूम था कि विपक्ष खबर बनाने के लिए वह कुछ ऐसा ही करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली का मामला केंद्र सरकार से उठाया है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष द्वारा उनकी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में कोई दम नहीं था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ओपीएस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है और इसके लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, ताकि कोई रास्ता निकाला जा सके। कांग्रेस जितनी सरलता से ओपीएस बहाली की बात कर रही है, यह मामला उतना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से उन्होंने इस मुद्दे पर व्यक्तिगत तौर पर बात की है, लेकिन ये राज्य भी ओपीएस को अभी तक बहाल नहीं कर पाए हैं। जयराम ठाकुर ने ओपीएस के मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा कर्मचारियों को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि वह राजनीतिक मकसद से इस मुद्दे को न उठाएं। उन्होंने कर्मचारियों से भी आग्रह किया कि वे ओपीएस को राजनीतिक मकसद से न लें। मुख्यमंत्री ने माना कि जीएसटी लागू होने से प्रदेश को नुकसान हुआ है। हालांकि जीएसटी एकत्रीकरण में बढ़ोतरी हुई है और प्रदेश की आर्थिकी पटरी पर लौट रही है। उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर कहा कि हिमाचल में पड़ोसी राज्यों पंजाब-हरियाणा की तुलना में पेट्रोल ओर डीज़ल के दाम काफी कम हैं। उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कहा कि हमारी सरकार में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और अपराधी जेल में हैं।
सेब आंदोलन को लेकर सीएम ने कहा कि कांग्रेस ओर माकपा अपने राजनीतिक हित को साधने के लिए बागवानों की नाराजगी को हवा दे रही है। उन्होंने कहा कि पैकेजिंग सामग्री की दरों में वृद्धि के चलते सरकार ने 6 फीसदी जीएसटी अपने स्तर पर देने का निर्णय लिया है। इससे पूर्व अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कम समय दिए जाने के विरोध में विपक्ष ने पहले सदन में जोरदार हंगामा किया और नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर पूरा विपक्ष बाहर चला गया।
क्या बोले विधायक राजेंद्र राणा
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि ये सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है, हर तबका सड़कों पर है। ये सरकार महंगाई कम करने के नाम पर सत्ता में आई थी, जबकि इस सरकार के आने के बाद ही महंगाई आसमान छू रही है। कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि फर्जी डिग्री जैसा बड़ा फर्जीवाड़ा प्रदेश में हुआ है, इसको लेकर सदन में चर्चा करना विपक्ष का अधिकार है। 23 विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे और इसे नियमों के तहत लाया गया है। इससे सरकार पूरी तरह से घिरने वाली है। इस सरकार के दो महीने बचे हैं और सरकार का काउंटडाउन शुरू हो गया और 2 महीने की सरकार है उसके बाद छुट्टी होने वाली है।
क्या बोले विधायक सुखविंदर सुक्खू
वहीं, कांग्रेस विधायक सुखविंदर सुक्खू ने कहा की जनता का विश्वास सरकार से उठ गया है। जिसके चलते अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। कांग्रेस विपक्षी दल है, जनता की आवाज सदन में उठा रही है। उन्होंने का कि जयराम सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है। अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार द्वारा किया गया भ्रष्टाचार और कारगुजारी को सदन में उजागर किया जाएगा। प्रदेश में पेपर नीलाम हो रहे हैं, बेरोजगारी का आंकड़ा 14 लाख पहुंच गया है। इन सभी मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा।
क्या बोले विधायक विनय कुमार
कांग्रेस विधायक विनय कुमार ने कहा अविश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा में हेडकाउंट किए गए और 23 विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बौखला गई है और पूरी तरह से फेल हो गई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाहर हर रोज कर्मचारी और आम जनता प्रदर्शन कर रही है। प्रदेश के हालात इसी बात से समझे जा सकते हैं कि लोगों और कर्मचरियों अपनी मांगे मनवाने के लिए को यहां पर धरना प्रदर्शन के लिए आना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 5 साल में विकास तो बहुत दूर की बात है जो अधिकार कर्मचारियों को सरकार द्वारा दिए जाने थे, सरकार उसमें में भी नाकाम हो रही है, इसलिए धरने प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता की आवाज उठाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव सदन में लाई है। उन्होंने कहा कि सरकार की कमियों को उजागर करना विपक्ष का काम है। सदन में बताया जाएगा कि सरकार ने 5 साल में क्या किया है और जनता के साथ कैसे खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायक भाजपा में हैं, लेकिन सदन में बोल रहे हैं कि वह भाजपा में नहीं हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी एकजुट है।