प्रजासत्ता|
पंजाब की कैप्टन सरकार का छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के ऐलान के बाद, हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार को भी अपने कर्मचारियों को पंजाब सरकार के तर्ज पर छठे वेतन आयोग की सिफारिशों पर नया वेतनमान देने का दबाब बढ़ता ही जा रहा है| ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि जयराम सरकार छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का ऐलान कर सकती है| बता दें कि प्रदेश सरकार वेतनमान देने के मामले में पंजाब सरकार का अनुसरण करती है।
छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के मामले को लेकर सीएम जयराम ठाकुर अधिकारियों से कई दौर की मंत्रणा कर चुके है। यदि सरकार एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे नए वित्तीय वर्ष की जगह इसे अगले वित्त वर्ष के लिए टाल देती है तो भी अगले साल एरियर देने का दबाव होगा।
वहीं अगले चुनावी वर्ष को देखते हुए जयराम सरकार पर इसे इसी साल लागु करने का दबाव है। ऐसे में इसे आगे टालना भी कर्मचारियों की नाराजगी को मोल लेना होगा। राज्य में चुनाव के बारे मेें एक धारणा है कि यहां के कर्मचारी जिस तरफ हो लेते हैं, उसी दल की सरकार बनती है। ऐेसे में कोई भी सत्तासीन सरकार कर्मचारियों को नाराज करने का जोखिम नहीं उठाती।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पौने दो लाख से ज्यादा नियमित कर्मचारी हैं, जबकि करीब 25 हजार अनुबंध कर्मचारी हैं। एक अनुमान के अनुसार सरकार पर इससे एक साथ लगभग 3000 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक बोझ पड़ सकता है।