प्रजासत्ता|
भाजपा से नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य प्रो. सिकंदर कुमार ने हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक को को एक शिकायत पत्र लिख कर भेजा है जिसमें उन्होंने अज्ञात व्यक्ति पर उनके खिलाफ षडयंत्र रच कर उनकी छवि को नुकसान पहुँचाने की बात कही गई है। वहीँ उन्होंने उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात भी कही है।
सिकंदर कुमार ने शिकायत में लिखा है कि “मुझे कुछ विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि किसी ने मेरे खिलाफ, हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल के कार्यालय में मेरे खिलाफ दुर्भावनापूर्ण इरादे से फर्जी पहचान के साथ शिकायत दर्ज की है। उन्होंने कहा हिया कि मुझे पता चला है कि यह शिकायत मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए बदनामी के आरोपों से बुनी गई है।
सिकंदर कुमार ने कहा कि एक छोटे से गांव और एक गरीब परिवार से पैदा हुई अपनी कड़ी मेहनत से मैंने जो छवि अर्जित की है। मैंने एच.पी. विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति के रूप में कार्य किया है, और अब एक सांसद के रूप में कार्य कर रहा हूँ। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि मेरे कार्यकाल के दौरान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति के रूप में मुझे अगस्त 2021 में दूसरे कार्यकाल के लिए विस्तार दिया गया था। लेकिन उससे पहले कुछ लोग निराधार दलीलों के साथ मेरे दूसरे कार्यकाल के लिए कुलपति के रूप में विस्तार के खिलाफ अदालत में गए।
माननीय न्यायालय ने सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद याचिका को खारिज कर दिया, अब, जब मैं राज्यसभा का सदस्य बन गया हूं, तो वही ताकतें एक दलित के उत्थान से परेशान हैं और दुर्भावनापूर्ण योजना बना कर एक शिक्षाविद के साथ-साथ एक सांसद के रूप में मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से साजिश रची जा रही है।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक से अपील की है कि एक जिम्मेदार अधिकारी के माध्यम से मामले की जांच करवाएं। क्योंकि शिकायत डाकघरों के माध्यम से भेजी गई है, इसलिए डाकघर और डाकघरों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे निश्चित रूप से अपराधियों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द कार्रवाई की मांग की है।